दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर सोशल मीडिया प्रबंधन के लिए टैक्सपेयर्स के धन का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने सोशल मीडिया कंपनियों को हर साल 1.5 करोड़ रुपये देने के लिए टेंडर जारी किया है.
भारद्वाज ने इसे एक चौंकाने वाली खबर बताया और कहा कि वीके सक्सेना ने सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालने के लिए एक कंपनी को नियुक्त करने का निर्णय लिया है. यह टेंडर उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर अगस्त में प्रकाशित हुआ था. इस व्यवस्था के तहत, दिल्ली के टैक्सपेयर्स प्रति वर्ष 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. भारद्वाज का आरोप है कि उपराज्यपाल सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के माध्यम से जल्दी लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए जनता के पैसे का उपयोग कर रहे हैं.
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टेंडर के तहत, चुनी गई कंपनी को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को मैनेज करने का काम सौंपा जाएगा. भारद्वाज ने यह भी बताया कि अगर कंपनी अपना काम अच्छे से करती है, तो सेवा अवधि को तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है.
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दिल्ली सरकार ने बताया कि उपराज्यपाल का कार्यालय सोशल मीडिया प्रबंधन के लिए बजट प्रदान करता है, न कि उनके व्यक्तिगत प्रचार के लिए. भारद्वाज ने इस कदम को गैर संवैधानिक बताते हुए कहा कि संविधान के निर्माता ने ऐसा नहीं सोचा था कि दो पावर सेंटर हो सकते हैं. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस बजट आवंटन को किसने मंजूरी दी है, क्योंकि अब तक किसी भी उपराज्यपाल ने ऐसा टेंडर जारी नहीं किया था.
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