पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। देवभोग ब्लॉक के 93 गांवों में स्थित 1300 से ज्यादा पेयजल स्रोतों की फ्लोराइड जांच आज से शुरू कर दी गई है। भाजपा के पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी की मांग पर पीएचई मंत्री अरुण साव ने इस जांच के निर्देश दिए थे। इस निर्देश को गंभीरता से लेते हुए पीएचई विभाग के ईई पंकज जैन ने जांच के लिए आवश्यक किट उपलब्ध कराई हैं।

आज कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी की उपस्थिति में इस जांच अभियान की शुरुआत की गई। पीएचई के इंजिनियर बी एस सिदार ने अपनी तकनीकी टीम के साथ जांच की प्रक्रिया की निगरानी की। जनपद सदस्य अमितेश अवस्थी और हॉस्टल अधीक्षक उषा देवी वैष्णव भी इस मौके पर मौजूद रहे। जांच के दौरान विद्यालय के पानी में तय मानक में फ्लोराइड पाया गया।

 प्रभावित गांवों में सामुदायिक रिमूवल प्लांट की होगी स्थापना

पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी ने बताया कि लंबे समय से देवभोग ब्लॉक में दूषित पेयजल की समस्या से लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से सभी प्रभावित गांवों के लिए सामुदायिक उपयोग हेतु रिमूवल प्लांट की स्थापना की मांग की है। वर्तमान में फ्लोराइड की अधिकता वाले 40 स्कूलों में रिमूवल प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन इससे गांव के सभी लोगों को राहत नहीं मिली है।

मांझी ने लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि उन्होंने सरकार से फ्लोराइड जांच अभियान के परिणामों के आधार पर प्रभावित गांवों की पहचान करने और वहां सार्वजनिक उपयोग हेतु रिमूवल प्लांट स्थापित किए जाने की मांग की है, ताकि सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।

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