शुभम नांदेकर, पांढुर्णा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर बसा मराठी भाषी जिला पांढुर्णा में गोटमार मेले में लगभग 500 से अधिक लोगों के चोटिल होने की खबर है. इनमें से गंभीर रूप से घायल 17 लोगों को उच्च चिकित्सा सुविधा के लिए नागपुर रेफर किया गया है. बाकी लोगों का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है. घायलों में किसी के चेहेर, नाक, सिर, पैर, पीठ में चोट पहुंची है.

गोटमार मेला आज करीब 11 बजे प्रारंभ हुआ. पथराव में करीब 500 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. जिनमें 300 व्यक्ति पांढुर्णा के रहवासी, 250 सावरगांव के निवासी हैं. गंभीर रूप से घायल 17 व्यक्तियों को नागपुर रेफर किया गया है. दोनों पक्ष एक दूसरे को दूर धकेलते हुए नजर आ रहे थे. भारी पथराव के बीच भी पांढुर्णा के कुछ लोग झंडे के पास भी पहुंच गए और कुल्हाड़ी से झंडे पर कई खाप भी मारे बावजूद इसके पांढुर्णा पक्ष झंडा तोड़ने में असफल रहा. इस प्रयास में अनेक लोग गंभीर घायल भी हो गए. सावरगांव के लोग पांढुर्णा के खिलाड़ियों को झंडे से दूर हटाने के लिए तेजी से पथराव कर रहे थे.

शुरु हुआ ‘गोटमार मेला’: खूनी खेल की परंपरा में 146 गोटमार खिलाड़ी घायल, सिविल ड्रेस में तैनात हुए पुलिसकर्मी

प्रशासन पूर्व से ही कोई हतक्षेप नहीं किया और पत्थरबाजों को उनके हाल पर छोड़ दिया. घायलों को दूसरे पत्थरबाज ही अस्पतालों तक पहुंचा रहे हैं. मेले में जुए और शराब, जुआ, सट्टे का दौर खुलेआम चला. आज के गोटमार में पांढुर्णा पक्ष की हार हुई. देर शाम होने के बाद पांढुर्णा और सावरगांव के वरिष्ट गोटमार खिलाड़ियों ने आपसी समझौता कर झंडा नदी से बाहर निकाल चंडी माता मंदिर में अर्पित किया.

पांढुर्णा विधायक नीलेश उइके ने खेली गोटमार

विधायक ने पांढुर्णा पक्ष से सावरगांव के गोटमार खिलाड़ियों पर ताबड़तोड़ पत्थर फेंके. पांढुर्णा सदियों से चली आ रही गोटमार मेले के नाम पर परंपरा का निर्वाह करते हुए विधायक ने आज गोटमार मेले के दौरान मां चंडी माता के मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर मेले में जनता की बीच जनसंपर्क किया. इसके बाद गोटमार मेले में नदी के बीच झंडे को हाथ जोड़कर पांच पत्थर मारकर परंपरा का निर्वाह किया.

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