Delhi LG VK Saxena: MCD में 12 वार्ड समितियों के चुनाव से ठीक एक दिन पहले केंद्र की मोदी सरकार ने सीएम केजरीवाल (CM Kejriwal) के साथ एक बार फिर से ‘खेला’ कर दिया है। केंद्र ने दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) की शक्तियां बढ़ा दी हैं। LG को अब दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग जैसे किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड और आयोग के गठन का पूर्ण अधिकार दे दिया गया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। गजट नोटिफिकेशन में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, दिल्ली के एलजी अब प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकायों में सदस्यों की नियुक्ति भी कर सकते हैं। केंद्र के इस फैसले से सीएम केजरीवाल की शक्ति कमजोरी हो गई है।
इधर गजट अधिसूचना के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना (VK Saxena) ने बड़ा कदम उठाया है। MCD वार्ड समिति चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की है। इससे पहले मंगलवार देर शाम मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि दिल्ली नगर निगम में आज (4 सितंबर) को वार्ड समिति के चुनाव होने हैं। वार्ड कमेटी चुनाव को स्टैंडिंग कमेटी की चुनाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। MCD के 12 वार्ड कमेटियों के चुनाव को लेकर मेयर और एलजी के बीच तकरार खुलकर सामने आ गया है। एलजी ने मेयर के न चाहते हुए भी चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। इससे आम आदमी पार्टी और दिल्ली के एलजी के बीच तकरार निश्चिक हो गया है।
अधिसूचना में क्या कहा गया?
फिलहाल, अधिसूचना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 (1992 का 1) की धारा 45डी के साथ संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के तहत जारी की गई है। अधिसूचना में कहा गया है, राष्ट्रपति निर्देश देती हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए तथा अगले आदेश तक उक्त अधिनियम की धारा 45डी के खंड (क) के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन के लिए करेंगे. चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाता हो या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए करेंगे।
मेयर का चुनाव अधिकारी नियुक्त करने से इनकार
दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने बुधवार को होने वाले वार्ड समिति के चुनाव को लेकर प्रोसिडिंग अफसर नियुक्त करने से इंकार कर दिया था। इसकी वजह केवल एक दिन की नोटिस देने के चलते नामांकन दाखिल करने में असमर्थ पार्षदों से कई ज्ञापन प्राप्त होने की बात कही गई है। मेयर के मुताबिक नामांकन प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए था। मेयर का आरोप है कि उनके निर्देश देने के बाद भी नगर निगम सचिव को चुनाव की अधिसूचना देने में पांच दिन लग गए, ऐसे में नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ एक दिन कैसे दिया जा सकता है?
मेयर ने वजह यह भी बताई की एमसीडी के इतिहास में नामांकन दाखिल करने के लिए इतना कम समय पहले कभी नहीं दिया गया। आदेश में मेयर ने आयुक्त को नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का नोटिस देकर चुनाव प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का आदेश दिया है।
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