विक्रम मिश्र, लखनऊ. व्यपारियों ने नई टैक्स व्यवस्था का विरोध करना शुरू कर दिया है. 10 से ज्यादा ट्रेड से जुड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का शुल्क और 20 से ज्यादा ट्रेड को लाइसेंस के दायरे में लाने का विरोध शुरू हो गया है. नगर निगम की इस व्यवस्था के विरोध में व्यापारी संगठनों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दे दी है.
व्यापारी नेता अमरनाथ मिश्र ने लल्लूराम डॉट कॉम से कहा कि नगर निगम सरकारी भवनों पर बकाया करोड़ों रुपये तो वसूल कर नहीं पा रहा है. इसके उल्टे व्यपारियों पर टैक्स पर टैक्स लगाया जा रहा है. व्यपारियों को कोई बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही है. जाम की समस्या लाइलाज है. वेंडिंग जोन आज तक नहीं बन सका है.
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इंस्पेक्टर राज कायम करने का आरोप
अमरनाथ मिश्र ने कहा कि व्यपारियों पर कोई टैक्स बढ़ाया तो इसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ेगा. जिसके लिए नगर निगम और सरकार जिम्मेदार होगी. वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा ने बताया कि ज्वेलरी, फर्नीचर, ब्यूटीपार्लर, कपड़ा, जूता, चाय, पेंट आदि 21 ट्रेडों पर 4 हजार से 10 हजार प्रतिष्ठानों पर शुल्क लगाने की बात कही गई है. होटल, रेस्टोरेंट, जलपान गृह आदि पर पांच गुना प्रतिष्ठान शुल्क की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है. उन्होंने नगर निगम पर इंस्पेक्टर राज कायम करने का आरोप भी लगाया.
सभी प्रतिष्ठान कर दिए जांएगे बंद- महामंत्री
व्यापारी संगठनों ने महापौर और नगर विकास मंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा है. जिसके बाद उनसे मिलकर इस नए स्लैब का व्यापारी विरोध करेंगे. वरिष्ठ महामंत्री ने कहा कि अगर टैक्स स्लैब में कोई बढित्तरी हुई तो लखनऊ में सभी दुकान प्रतिष्ठान बंद कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
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