शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल के सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने धरना प्रदर्शन। स्कूल के बाहर जमकर नारेबाजी की। छात्राओं का आरोप है कि स्कूल में साफ सफाई कराई जाती है। पांच मिनट देरी से स्कूल पहुंचने पर बाहर धूप में खड़ा किया जाता है। प्रदर्शन के दौरान कई छात्राओं को तबीयत बिगड़ी गई। जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। वहीं इसे लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। हंगामा बढ़ता देख राज्य शिक्षा केंद्र के डायरेक्टर ने छात्राओं की नाराजगी को देखते हुए शिक्षक को अनिश्चितकालीन के लिए अवकाश पर भेज दिया है।

बुधवार को भोपाल के सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बवाल मच गया। छात्राओं ने शिक्षक वर्षा झा के ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी। नेम प्लेट को तोड़ दिया गया। दफ्तर के कांच, अलमारी और कंप्यूटर को तोड़ दिया गया है। स्कूल में एनजीओ के माध्यम से की गई नियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। रिटायर्ड कैप्टन वर्षा झा को स्कूल में एचआर और स्टेट मैनेजर का पद सौंपने पर बवाल मचा हुआ है। रिटायर्ड अधिकारी की नियुक्ति और बेवजह धूप में खड़े करने जैसी सजा देने के मसले पर आज बुधवार को छात्राओं के परिजन स्कूल पहुंचे।

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उठ रहे ये सवाल, प्राचार्य ने कही ये बात

स्टूडेंट्स के परिजनों ने कहा कि आर्मी से रिटायर्ड महिला अधिकारी की नियुक्ति कैसे हुई और इस तरह से स्कूल की गतिविधियों में दखल देने का उनका क्या अधिकार है। वहीं स्कूल के स्टाफ और टीचर्स का भी आरोप है कि महिला अधिकारी उनसे अभद्र व्यवहार करती हैं। साथ ही बेवजह की जानकारी देने का दबाव बनाती हैं। इस मामले में स्कूल की प्राचार्य मालिनी वर्मा ने कहा कि छात्राएं प्रबंधन से नहीं बल्कि ओपन स्कूल की ओर से नियुक्त की गईं HR वर्षा झा की नियुक्ति से नाराज हैं।

कांग्रेस ने बोला हमला

इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भी सवाल उठाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा- भाजपा के राज में छात्राओं, बेटियों, महिलाओं पर अत्याचार जारी । अब मामला भोपाल के सरोजिनी नायडू शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का आया है, जिसमें लेट आने पर छात्राओं से सफाई कराई जाती है, इस मांग को लेकर छात्राओं का प्रदर्शन जारी । क्या यही है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की हकीकत ?

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यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करने वाली सरकार पहले बेटियों को सम्मान दें। स्कूल में बेटियों को शिक्षा मिलनी चाहिए लेकिन उन्हें सजा मिल रही है। 10वीं-12वीं की स्टूडेंट्स को धरना देना पड़ रहा है। प्रदेश में लगातार शिक्षा का स्तर गिर रहा है। बेटियों का अपमान हर दिन मध्य प्रदेश में बढ़ता जा रहा है।

राज्य शिक्षा केंद्र के डायरेक्टर ने लिया एक्शन

इधर, स्कूल में हंगामा बढ़ता देख राज्य शिक्षा केंद्र के डायरेक्टर स्कूल पहुंचे। जहां उन्होंने छात्राओं और शिक्षकों से बात की। छात्राओं की नाराजगी को देखते हुए उन्होंने शिक्षक वर्षा झा को अनिश्चितकालीन अवकाश पर भेजने का निर्णय लिया है।

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