सुरेंद्र जैन, धरसींवा। धरसींवा में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें पात्र हितग्राहियों को अपात्र घोषित कर दिया गया है। ग्राम पंचायत सरपंच वहीदा सुलताना के अनुसार, ग्राम सभा ने 28 पात्र हितग्राहियों का प्रस्ताव दिया था, लेकिन जब पीएम आवास मिलने का समय आया, तो उनमें से सिर्फ 8 लोगों को मकान के लिए पात्र जबकि 20 लोगों को अपात्र घोषित कर दिया गया।
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने उन अपात्र गरीबों के घर जाकर स्थिति का जायजा लिया, तो कहानी कुछ और ही थी, वे जर्जर कच्चे मकानों में रहते हुए पाए गए। इनमें ग्राम सभा द्वारा पात्र लेकिन जनपद की जांच समिति द्वारा अपात्र घोषित भागवती धीवर अकेली एक जर्जर कच्चे मकान में रहती हैं, उनके पति की मृत्यु के बाद से उनका जीवन सरकारी राशन पर ही निर्भर है। इस उम्र में वह कहीं मजदूरी करने में सक्षम भी नहीं हैं। ऐसे गरीबों की उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी पीएम आवास योजना से उन्हें भी एक दिन पक्की छत मिलेगी।
कच्चे मकान को पक्का बताकर काट दिया नाम
गांव में रहने वाली महेशियां साहू ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था, इसके बाद जनपद से सर्वे करने वाली टीम आई, जिन्होंने उनके कच्चे मकान को पक्का बताकर उन्हें अपात्र घोषित कर दिया। इसी तरह एक अन्य ग्रामीण अनिता निर्मलकर ने बताया कि वह अपने पति और उनके परिवार के साथ जर्जर मकान में रहती है, उन्होंने भी पक्के मकान के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें भी अपात्र घोषित कर दिया गया है।
जिनके पक्के मकान थे, उन्हें अपात्र घोषित किया – सीईओ
जनपद पंचायत के सीईओ से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि जनपद पंचायत द्वारा जांच समिति गठित की गई थी. समिति ने जिनके पक्के मकान थे उन्हें अपात्र घोषित किया है।
छत्तीसगढ़ में 8,46,931 आवासों को मिली मंजूरी
बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत SECC 2011 के डाटा के आधार पर बनाए गए स्थाई प्रतीक्षा सूची के शेष 6,99,331 परिवारों और आवास प्लस के 8,19,999 परिवारों में से 1,47,600 परिवारों के लिए आवास के लक्ष्य को स्वीकृति दी है। इस प्रकार कुल 8,46,931 आवासों को मंजूरी मिली है।
धरसीवां में यह स्थिति न केवल गरीबों की उम्मीदों को ध्वस्त कर रही है, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करती है। सरकार को इस मामले पर गहन जांच और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि योजना का सही लाभ उन लोगों तक पहुंच सके, जिनके लिए यह बनाई गई है।
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