शब्बीर अहमद, भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय ने मध्य प्रदेश के राजीव गांधी विश्वविद्यालय घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने RGPV की एक करोड़ 90 लाख रुपए की संपत्ति फ्रीज कर दी है। जांच में आपत्तिजनक अभिलेख भी बरामद किया गया है। दरअसल, पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार और निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजूपत समेत चार लोगों पर विश्वविद्यालय के करीब 20 करोड़ रुपए निजी अकाउंट में ट्रांसफर करने का आरोप लगा था।
दरअसल, बीते सोमवार को राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए घोटाले के मामले में ED की अलग-अलग टीमों ने राजधानी भोपाल में दो ठिकानों, नर्मदापुरम के पिपरिया और सोहागपुर में पांच ठिकानों पर छापामार कार्रवाई शुरू की थी। आरजीपीवी के निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, एक्सिस बैंक पिपरिया के तत्कालीन मैनेजर राम रघुवंशी, दलित संघ सोहागपुर के सचिव रतन उमरे और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर यह कार्रवाई मंगलवार देर रात तक जारी रही।
वहीं झारखंड के रांची और बोकारो में आरोपितों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली। बुधवार को ईडी के अफसरों ने छापामार कार्रवाई पूरी होने के बाद बताया कि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार के चूना भट्टी स्थित आवास और निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के लेकपर्ल स्थित आवास पर तलाशी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और चल-अचल संपत्ति का विवरण मिला है, जिन्हें जब्त किया गया है।
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बताया गया है कि दर्ज एफआईआर और आरोप पत्र के आधार पर ED ने PMLA के अंतर्गत मामले की जांच शुरू की थी। जिसमें पता चला कि विश्वविद्यालयों की करीब 20 करोड़ की राशि निजी व्यक्तियों और ट्रस्ट के खातों में ट्रांसफर की गई थी।
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