संतोष चौधरी, जशपुर। जशपुर में सरकारी किताबें कबाड़ में बेचने और जलाने के मामले में लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने किताबें जलाने के मामले मे जांच की खाना-पूर्ति करते हुए प्रिंसिपल को क्लीन चिट दे दिया है।
जशपुर जिले में पिछले सत्र की हाईस्कूल की किताबें बड़ी मात्रा में मिल रही हैं। कहीं पिकअप में लादकर कबाड़ में बेचा जा रहा है तो कहीं स्कूल की प्रिंसिपल स्टॉक खत्म करने की कोशिश में किताबों को ही जला रही है। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद कांग्रेस ने सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर जिला कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला से मिला और ज्ञापन सौंपकर दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं डीईओ एसएन पंडा से भी मुलाक़ात कर दोनों मामलों की जानकारी ली। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में जिला महामंत्री विनय भगत,युंका विधानसभाध्यक्ष सहस्त्रांशु पाठक,अनिल किस्पोट्टा,योगेश सिंह,किरण कांति समेत 8 कांग्रेसी शामिल थे।
जिला मुख्यालय में सरकारी किताबों को स्कूली बच्चों से फड़वाकर जलाने के मामले में जिला शिक्षाधिकारी एसएन पंडा ने जांच का आश्वासन दिया था लेकिन आश्वासन का झुनझुना थमाने के चंद घंटे में ही डीईओ साहब की जांच पूरी हो गई और साहब ने किताबें जलवाने वाली प्रिंसिपल को क्लीन चिट दे दी। डीईओ का कहना है कि प्रिंसिपल की कोई गलती नहीं है। वहीं कबाड़ी को किताब बेचने के मामले में साहब का कहना है कि किताब कहाँ से आई इस पर पुलिस अपना काम कर रही है।
प्रदेश में कई जगह ऐसी है जहां बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें तक नसीब नहीं होती लेकिन जशपुर ऐसा जिला है जहां बच्चों को दी जाने वाली ये किताबें या तो कबाड़ी के यहां बेची जा रही है या फिर जलाई जा रही है। आखिर यहां ऐसा क्यों हो रहा है? इन सवालों का जवाब देने वाले भी खामोश हैं और खामोशी अपने अंदर कई राज छिपाए रहती है।