कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कहा जाता है आपदा में भी अवसर खोजे जा सकते है, ऐसा ही कर दिखाया ग्वालियर के रहने वाले एक शासकीय शिक्षक ने, जिन्होंने कोरोना काल के भीषण दौर में अपने खाली समय के चलते गरीब वंचित बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाने का बीड़ा उठाया। और ‘अपना घर-अपना विद्यालय’ मॉडल तैयार कर दिया। जिसके चलते MP सरकार ने उन्हें सम्मानित किया है।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं ग्वालियर बडोरी गांव के शासकीय माध्यमिक शिक्षक बृजेश शुक्ला की। जिन्होंने गरीब, कमजोर, वंचित बच्चों को शिक्षित करने में कोरोना काल में अपना घर अपना विद्यालय मॉडल बनाया और उस पर काम शुरू किया। कोरोना काल में ब्रजेश स्कूल बंद होने के चलते फ्री थे। ऐसे में एक दिन जब वह शहर के साइंस कॉलेज के बाहर से गुजर रहे थे, तब उनकी नजर झोपड़पट्टी के बाहर खेल रहे दो बच्चों पर गई।

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शिक्षक ब्रजेश शुक्ला ने उनसे पूछा कि क्या वे स्कूल जाते हैं, तो बच्चों ने कहा कि माता-पिता मजदूरी करते हैं इसलिए वह स्कूल नहीं जा पाते। यह सुनकर शिक्षक ब्रजेश शुक्ला ने इन बच्चों के लिए झोपड़ी के बाहर ही एक स्कूल शुरू कर दिया। वह अकेले सुबह शाम इस स्कूल में पढ़ाने के लिए पहुंचते थे। ऐसे में जून 2020 कोरोना संक्रमण के दौरान शुरू किया गया। यह काम एक मुहीम बन गया।

यही वजह है कि शहर की आठ जगहों पर उनका अपना घर अपना विद्यालय मॉडल अब मजदूर सेवार्थ पाठशाला के रूप में संचालित हो रहा है। जिसमें 700 बच्चे पढ़ते हैं उनके इस अभियान में अब 50 लोग भी जुड़ चुके हैं जो बच्चों को पढ़ाने में रुचि रखते हैं कोई नौकरी से रिटायर है तो कोई कॉलेज में पढ़ने वाला विद्यार्थी है।

बृजेश शुक्ला अपने वेतन का 10 फीसदी हिस्सा भी बच्चों को पढ़ने में खर्च करते हैं। इतना ही नहीं वह बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही उनके कौशल को बढ़ाने का काम भी करते है। वह बच्चों के मिट्टी के दिए। LED बल्ब रिपेयरिंग सहित अन्य काम भी सिखाते है, जो भविष्य में उनके लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।

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गौरतलब है कि, शिक्षक समाज को शिक्षित करता है, लेकिन ब्रजेश शुक्ला जैसे शिक्षक इन सभी से ऊपर है क्योंकि वे समाज के ऐसे बच्चों को शिक्षित कर रहे है जो समाज की मुख्यधारा से काफी दूर रहता है। ब्रजेश की जगाई शिक्षा की यह अलख भारत के भावी भविष्य की नींव को मजबूत कर रही है। यही वजह है कि सरकार ने उनके इस काम के लिए उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित किया है। लल्लूराम डॉट कॉम भी उनके इस कदम के लिए उन्हें सेल्यूट करता है।

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