भारत में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी 07 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी के दिन लोग गणेश जी की पूजा करते हैं और उन्हें मोदक और लड्डू जैसे विभिन्न प्रकार के भोग लगाते हैं.

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार दस दिनों तक चलता है, जिसमें लोग गणेश जी की पूजा करते हैं. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि अन्य राज्यों में भी इस त्योहार को मनाया जाता है, लेकिन अलग-अलग तरीकों से. Read More – Indias Best Dancer 4 के मंच पर Urfi Javed ने लगाई आग, Terence Lewis के साथ मारे लटके झटके …

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में सच्चाई और ईमानदारी का मार्ग अपनाना चाहिए. गणेश जी की पूजा करने से हमें अपने जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है.

भक्ति से भरपूर इन मैसेज को भेजकर अपनों को दें गणेश चतुर्थी की बधाई

  • आपके काम की शुरुआत हो अच्छी
    इस गणेश चतुर्थी आप अपनों के रहें पास
  • मेरे बप्पा का रूप है सबसे निराला
    मेरे गणपति ने पल में निकाला
  • गणपति बप्पा की कृपा रहे आप पर,
    आपको हर काम में मिले सफतलता
  • बप्पा मेरी है आपसे बस यही विनती
    दूर कर दो जीवन का हर अंधियारा
    न रहे जिंदगी में किसी चीज की कमी
  • गणेश जी को कहते हैं विघ्नहर्ता
    बप्पा दूर करते हैं जीवन की हर बाधा
    आपके जीवन से भी दूर हो जाए हर संकट
    जिंदगी में आए खुशियों का उजाला
    आपको गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

    गणेश चतुर्थी की स्थापना और पूजन विधि

    बता दें कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है. इस दिन सवेरे-सेवेर जल्दी उठकर स्नानादि कर लें. इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. उस पर पहले अक्षत रखें और चंदन से एक स्वस्तिक बनाएं. इसके बाद गणपति जी को स्थापित करें. गणेश जी को स्थापित करते समय ‘वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ. निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥’ मंत्र का पांच बार जाप करें. Read More – 1 साल बाद Honey Singh को आई बहन की याद, सरप्राइज देने मेलबर्न पहुंचे सिंगर …

    अब गणेश जी को गंगाजल से स्नान कराएं. उन्हें वस्त्र, जनेऊ, चंदन, दूर्वा, अक्षत, धूप, दीप, शमी पत्ता, पीले फूल, और फल चढ़ाएं. गणपति जी को सिंदूर, दूर्वा, और घी चढ़ाएं. उन्हें 21 मोदक का भोग लगाएं. गणेश जी की आरती करें और मनोकामनाओं के लिए आशीर्वाद मांगें. इसके बाद गणपति को लड्डू का भोग लगाएं और उसे प्रसाद के रूप में वितरित करें.