सुधीर दंडोतिया, भोपाल। एक एजुकेशन संस्था के कार्यक्रम में कांग्रेस नेता एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने देश के वर्तमान हालत, मुसलमानों की स्थिति, शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था पर अपनी बातें रखी है। कहा- आज जो हमारे देश में हो रहा है वह सही नहीं है। प्रधान सेवक पर संविधान जरूर लगते हैं पर उसका पालन नहीं करते। जिस प्रकार के हालात आज हो गए हैं हमारे बीच चिंता के विषय हैं।

70% मुसलमान के हालत खराब

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स के नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन एजुकेशन 2024 में स्पीच दे रहे थे। उन्होंने कहा- आज हमारे 70% मुसलमान के हालत खराब है आर्थिक स्थिति नीचे है। एसटीएससी से भी कम नौकरी मुसलमान कर रहे है। किसी भी देश को आगे बढ़ाना है तो शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुख है। आज हमारे एजुकेशनल संस्थानों में पद खाली पड़े हुए हैं। कॉन्ट्रैक्ट पर पढ़ाने के लिए रखा जा रहा है, कॉन्ट्रैक्ट में शिक्षक क्या पढ़ाएगा। जब तक क्वालिटी एजुकेशन नहीं होगा तब तक कंपटीशन में कैसे उतरा जाएगा।

पढ़ा लिखा ना हो और आरएसएससेसिया हो

आज हालात ऐसे हैं कि सरकारी स्कूलों में कोई बच्चों को भेजना नहीं चाहता। हमारे यहां कहावत एक पढ़ा लिखा ना हो नरसिंहपुरिया हो पर अब वाइस चांसलर को लेकर यह कहावत हो गई की पढ़ा लिखा ना हो और आरएसएससेसिया हो। एक इंस्टिट्यूट में वाइस चांसलर ऐसे हैं कि उनकी क्वालिफिकेशन उतनी नहीं है वाइस चांसलर बन सके लेकिन बनाया गया। हाईकोर्ट में मामला गया उसके बाद भी उन्हें हटाया नहीं गया। आज शिक्षकों का शिक्षक दिवस पर सम्मान किया जा रहा है।

मुझे बताओ, मैं तो बदनाम हूं ही

मध्यप्रदेश में इसी तरीके से अतिथि शिक्षक बनते रहे तो हम कैसे अवार्ड दे पाएंगे, हमारे शिक्षकों को कैसे अवॉर्ड मिलेंगे। मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूल और अस्पतालों को नहीं सुधारा गया तो हालत सही नहीं हो पाएंगे। 55 हजार सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए है। देश भर में शिक्षा पर जितना ध्यान देने की आवश्यकता है नहीं दिया जा रहा है। आउटसोर्सिंग टीचर हमारे आने वाले भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है। दिग्विजय ने कहा कि जहां भी मेरी आपको जरूरत लगे, मुझे बताओ, मैं तो बदनाम हूं ही। बदनाम होने से मुझे शक्ति मिलती है।

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