नई दिल्ली. मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक को लेकर संसद के अंदर और बाहर चल रही लंबी बहस के बाद आखिरकार गुरुवार को लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 पास हो गया. पक्ष में जहां 245 तो विपक्ष में महज 11 मत पड़े. कांग्रेस पार्टी ने विधेयक पर बहस के दौरान वॉक आउट कर दिया था.
आंकड़ों में भले ही मामला एक तरफा नजर आ रहा हो, लेकिन विधेयक पर बहस के दौरान एक तरफ भाजपा और उसके समर्थक दल तो दूसरी तरफ कांग्रेस और उसके समर्थक दल खड़े नजर आ रहे थे. विपक्ष जहां इस विधयेक को ज्वाइंट सलेक्ट कमेटी (जेएससी) को भेजने पर अड़े थे, वहीं भाजपा इस मुद्दे पर बहस करना चाह रही थी. भाजपा का तर्क था कि कांग्रेस इस मुद्दे को जेएससी के माध्यम से लटकाना चाह रही है, जबकि विधेयक में विपक्ष की ओर से दिए गए तमाम सुझावों को समाहित कर लिया है, तब जेएससी में भेजने का क्या तर्क है. आखिरकार कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट कर दिया, वहीं एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन औवेसी के संसोधन प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया. आखिरकार विधेयक 245 वोट के साथ पास हो गया.