पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद.छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति क्विटंल धान की कीमत 2500 रुपए किए जाने से पड़ोसी राज्य ओडिसा के बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं. प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के धान खरीदी केंद्रों में ओडिसा का धान खपाया जा रहा है. अकेले गरियाबंद जिले में डेढ़ माह में कृषि उपज मंडी विभाग ने धान के अवैध परिवहन व भंडारण के 68 प्रकरण दर्ज कर डेढ़ लाख रुपए से भी ज्यादा की वसूली की है. ओड़िसा से ब्यापक पैमाने पर आ रहे धान व हुए कार्यवाही का आंकड़ा देखते हुए देवभोग में ओड़िसा सीमा पर कृषि उपज मंडी विभाग का जांच नाका स्थापना की मांग उठी थी, जिस पर प्रशासन ने अपनी कवायद शुरू कर दी है.

झाखरपारा समिति में टोकन नहीं कटने से नाराज किसानों ने बुधवार को तहसीलदार के सामने प्रदर्शन किया था. देवभोग इलाके के अन्य खरीदी केंद्रों से भी गड़बड़ी की शिकायतें लगातार मिल रही थी, जिसके बाद गुरुवार को कलेक्टर श्याम धावड़े सीधे झाखरपारा खरीदी केंद्र पहुंचे. किसानों की बात सुनने के बाद प्रभारी को तलब किया. कलेक्टर ने कहा कि योजना किसानों के लिए है न कि बिचौलियों के लिये. अगर गड़बड़ी के आरोप सही पाए गए तो सीधे प्रभारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज होगी. उन्होंने दोपहर के पहले सभी लंबित किसानों के टोकन काट कर रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिया.

नांगलदेही में जब्त पिकअप

 

सूचना पर पहुंची टीम ने ओड़िसा से आ रहा धान पकड़ा

कलेक्टर के दौरे का असर भी तत्काल देखने को मिला. ओड़िसा से आ रहे धान की सूचना जब किसानों ने दी दिया तो नायब तहसीलदार केएम दीवान, मंडी उपनिरीक्षक रजनी तिवारी व खाद्य निरीक्षक जितेंद्र दिनकर की टीम बनाकर ओड़िसा सीमा जांच के लिये भेजा गया. इधर केंद्रों की जांच चल रही थी और उधर ओड़िसा सीमा लर धर पकड़ भी शुरू हो गई. नवरंगपुर जिले के सीमा से लगे बरही ग्राम के पास दल ने ओड़िसा के ट्रैक्टर से लाये जा रहे 108 पैकेट धान पकड़ा गया, वहीं कालाहांडी जिला से सटे नांगलदेहि में ओड़िसा के पिकअप से लाये जा रहे 50 पैकेट धान को वाहन सहित जब्त कर मंडी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है. इसके पहले किसानों ने जब ओड़िसा के धान को कुछ बिचौलिए द्वारा खपाये जाने की शिकायत की तो सीधे बिचौलियों के नाम पूछे. मौके पर से ही एसडीएम निर्भय साहू व जिला फ़ूड अधिकारी हलेश डड़सेना का मोबाइल नम्बर भी किसानों के बीच सार्वजनिक कर बिचौलिए के नाम बताने को कहा गया.

धान दूसरे का बेचने कोई और आया था

निस्टिगुड़ा में जांच के दरम्यान कलेक्टर ने धान के एक लाट को देखकर किसान को तलब कर दिया. ऋण पुस्तिका सगौनभाड़ी के किसान का था, लेकिन धान बिक्री करने मोटरपारा का किसान पहुंचा था, जिस पर कलेक्टर ने प्रभारी को जमकर लताड़ लगाया. इसी केंद्र में ही अकबर नेताम के धान में 21 प्रतिशत नमी देखकर अफसर फिर से भड़क गए. प्रावधान में अधिकतम 17 प्रतिशत नमी धान को लेना है. नियम विरुद्ध पाए गए दोनों लाट को वापस करने एवं शोकाज नोटिस थमाने के निर्देश फूड अधिकारी को दिया गया है.