Lalluram Desk. ओडिशा सरकार ने राज्य भर में 3,009 भिखारियों की पहचान की है. सबसे अधिक सुंदरगढ़ जिले में 417 भिखारी हैं, इसके बाद कटक में 400, पुरी में 350 और सोनपुर में 226 भिखारी हैं. ओडिशा सरकार इनके पुनर्वास के उद्देश्य से सहाय योजना के तहत सहायता प्रदान करेगी.
सामाजिक सुरक्षा और विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता मंत्री नित्यानंद गोंड ने विधानसभा को एक लिखित जवाब में पहचाने गए भिखारियों की संख्या का खुलासा करते हुए कहा कि सरकार ने पहले से ही विभिन्न स्थानों पर पुनर्वास केंद्र स्थापित किए हैं, और भिखारियों के समर्थन के लिए कई उपाय पेश किए हैं.
सुंदरगढ़, कटक, पुरी और सोनपुर के बाद रायगड़ा में 195, ढेंकानाल में 189, भद्रक में 180, खुर्दा में 150, झारसुगुड़ा 135, और बालासोर में 131 भिखारियों की पहचान की है. इसके साथ ही ओडिशा के 30 जिलों में से छह जिलों बौध, देवगढ़, गंजाम, जगतसिंहपुर, जाजपुर और मलकानगिरी को भिखारी मुक्त घोषित किया गया है.
पुनर्वास प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, पुरी, खुर्दा, अंगुल और सुंदरगढ़ जिलों के साथ साथ भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) और कटक नगर निगम (सीएमसी) क्षेत्रों में 19 पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं.
सरकार ने गंजाम, ढेंकानाल और केंदुझर जिलों में अतिरिक्त केंद्र खोलने को भी मंजूरी दे दी है. सहाय योजना के तहत, सरकार भिखारियों और उनके परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए कई सेवाएं प्रदान कर रही है. इसमें छात्रवृत्ति, कौशल विकास प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में एकीकरण और उनकी बेटियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता शामिल है.