पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में कभी चर्चा में रहने वाले राजकीय पशु वन भैंसा की मौत हो गई है. बरदुला के जंगल में श्यामू नाम के वन भैंसा मृत शव बरामद हुआ है. वन भैंसे के गले में कॉलर आईडी लगाने के बावजूद भी वन विभाग इसका पता नहीं लगा सकी है. जबकि इनकी सुरक्षा में करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. हालांकि इसकी मौत किस वजह से हुई है इसका पता नहीं चल सका है.
दरअसल 4 दिन पहले ही उदन्ति अभ्यारण्य में वन भैसा श्यामू की मौत हो गई थी. पल पल की खबर लेने के लिए कॉलर आईडी लगाए गए थे, फिर भी वन विभाग इसका पता नहीं लगा पाई. आज जब ग्रामीणों ने मीडिया कर्मी को सूचना दिया तब वन भैंसे की मौत का खुलासा हुआ. उदन्ति सीता नदी अभ्यारण्य में राजकीय पशु के सुरक्षा के नाम पर करोड़ो के खर्च हो गए. मैनपुर मूख्य्यालय से महज 5 किमी दूरी पर आज श्यामू नाम के वन भैंसे की बॉडी देखी गई. मीडिया को भनक लगने के बाद ही अभ्यारण्य प्रशासन को मौत की जानकारी लगी.
सूत्रों के मुताबिक उत्तर अभ्यारण्य में विचरण करने वाले इस भैंसे को बुधवार को ही मृत अवस्था में ग्रामीणों ने देख लिया था. लेकिन डर के कारण इसकी सूचना किसी ने नहीं दिया गया. जब मृत वन भैंसे के शव से बदबू फैली तो इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों को लगी.
पूरे भारत भर में वन भैंसों की बेहतर निगरानी के लिए इस अभ्यारण्य में पहली बार दो नर भैसों पर कॉलर आईडी लगाया गया था. जिनमें श्यामू का नाम भी शामिल था. विभाग ने इसके लगने के बाद निगरानी बेहतर होने का दावा भी किया था, लेकिन कॉलर आईडी लगे इस भैंसे की मौत के 4 दिनों बाद भी विभाग को जानकारी नहीं लग पाना बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है. 9 नर में से अब केवल 8 बचे है वहीं दो मादा भैंस भी है.
वहीं श्यामू के मौत से अनभिग्य विभाग के एक भी अफसर अभी कुछ कहने से बच रहे है, लेकिन यह बात साफ हो गया है कि यहां इनके सुरक्षा के नाम से आई मोटी रकम का केवल बंदरबाट हो रहा है. बता दें कि अफ्रीका से विशेषज्ञों की टीम यहां चार दिनों का डेरा डाल कर वन भैंसे के गले में कॉलर आईडी लगाए थे, जिसकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है.