राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। 52 जिलों वाला मध्य प्रदेश पिछले साल ही 55 जिलों वाला प्रदेश बना. अब आने वाले समय में प्रदेश के जिलों की संख्या 60 के अंक को छूने वाली है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से उठ रही नए जिले बनाने की मांग के बीच सरकार ने परिसीमन आयोग का गठन कर दिया है. जानिए आने वाले समय में कौन-कौन से शहरों को मिल सकती है जिलों की सौगात… 

नए जिलों के गठन की मांग

परिसीमन आयोग का गठन होने के साथ ही हम समझते हैं पहले मध्य प्रदेश के जिलों के बारे में. एमपी में अभी 55 जिले हैं. जिनमें तीन जिले मऊगंज, पांढुर्णा और मैहर पिछले साल विधानसभा चुनाव के पहले अस्तित्व में आए थे. रीवा से अलग कर मऊगंज को जिला बनाया गया. छिंदवाड़ा से अलग कर पांढुर्णा को और सतना से अलग कर मैहर को जिला मुख्यालय का तमगा मिला. इससे पहले प्रदेश में 52 जिला मुख्यालय थे. चुनाव के पहले प्रदेश को तीन नए जिले मिलने के साथ से ही अलग-अलग इलाकों से नए जिलों के गठन की मांग उठ रही है. 

सागर-खरगोन जैसे बड़े जिलों को कई टुकड़ों में बांटे जाने की मांग 

सागर और खरगोन जैसे बड़े जिलों को तो कई टुकड़ों में बांटे जाने की मांग है. इसके अलावा छिंदवाड़ा, छतरपुर, गुना और धार में भी तहसीलों को जिला बनाने की मुहिम लगातार चल रही है. प्रदेश में करीब एक दर्जन नए जिलों के लिए राजनैतिक कवायद चल रही है. परिसीमन आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद इनमें से कुछ तहसीलों को जिला बनाना तय है. खबर है कि आने वाले समय में प्रदेश को चार से छह जिलों की सौगात मिल सकती है.

यह भी उठ रही मांग

सागर से अलग कर बीना को जिला बनाने की मांग उठ रही है। वहीं, दूसरा पक्ष सागर से अलग कर खुरई को जिला बनाने की मांग कर रहा है। गुना से अलग कर चाचौड़ा को जिला बनाने की मांग भी हो रही है। सिवनी जिले के लखनादौन को जिला बनाने की भी मांग उठी थी। डिंडौरी जिले के शाहपुरा को जिला बनाने की मांग उठी थी। वहीं उज्जैन से अलग कर नागदा को जिला बनाने की मांग हुई। शिवपुरी से अलग कर पिछोर को और बालाघाट क्षेत्र के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने बालाघाट से तीन जिले बनाने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। 

घोषणा के बाद तीन जिला बनने से अटके

20 जुलाई 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि उज्जैन से अलग कर नागदा को जिला बनाएंगे। जिला अभी गठित नहीं हुआ है. वहीं, 22 अगस्त 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि पिछोर को नया जिला बनाएंगे. यह शिवपुरी से अलग होगा. अभी जिला नहीं बना है.

सागर से बीना की दूरी 74 किमी
सागर से खुरई की दूरी 52 किमी
गुना से चांचैड़ की दूरी 64 किमी
मुरैना से डबरा की दूरी 96 किमी
उज्जैन से नागदा की दूरी 57 किमी
शिवपुरी से पिछौर की दूरी 76 किमी

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