रवि गोयल, सक्ती। सक्ती जिले में नियम विरुद्ध डोलोमाइट उत्खनन के शिकायत मामले में क्रेशर संचालक गुरुश्री मिनरल्स को संरक्षण देने और जांच रिपोर्ट बनाने वाले खनिज विभाग के अधिकारी घिरते नजर आ रहे हैं. मौका जांच के लिए छीता पंडरिया गांव पहुंचे पटवारी के सामने दिया गया ग्रामीणों का बयान जांच रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर रहा है. इसे भी पढ़ें : ये राह नहीं आसान : जर्जर सड़क से गिरते-पड़ते शराब लेने पहुंचते हैं शराब प्रेमी, रोजाना हो रहे हादसे के शिकार, आखिर कौन लेगा सुध…

जानकारी के अनुसार, गुरुश्री मिनरल्स के खसरा नंबर 5/2 माइंस की वर्तमान स्थिति की ग्रामीणों ने पटवारी को बताया है कि उक्त माइंस पिछले 2 से 3 सालों से बंद पड़ी है. ग्रामीणों के बयान और पटवारी के पंचनामा रिपोर्ट के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों की उस जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़ा कर दिया है.

उन्होंने बताया है कि उक्त माइंस वर्ष 2021 से 2024-25 तक करीब 9 लाख टन की रॉयल्टी काटी गई है. यह रॉयल्टी 3 साल से बंद खदान की काटी जा रही है, ताकि गुरुश्री मिनरल्स द्वारा जो नियम विरुद्ध समय से पहले ही करीब 20 लाख टन डोलोमाइट का उत्खनन कर लिया गया. उसको बैलेंस किया जा सके, पिछले 3 सालों में करीब 9 लाख टन की रॉयल्टी काट कर करीब 70 परसेंट रॉयल्टी को बैलेंस किया जा चुका है.

शेष बचे करीब 10 से 11 लाख टन रॉयल्टी को भी इसी तरह कागजों में खदान को चालू दिखाकर बैलेंस करने की योजना थी, लेकिन भूमि स्वामी रघुवीर सिंह की शिकायत और पटवारी की जांच के बाद सारे प्लान की सेटिंग बिगड़ती दिख रही है, और अब खनिज विभाग के अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो चुके हैं, जिसके चलते खनिज एवं राजस्व विभाग के अधिकारी फिर से जांच कराने की तैयारी में है.