विक्रम मिश्र, लखनऊ. मुद्दई चुस्त गवाह सुस्त वाली कहावत आपने सुनी ही होगी. ठीक ये कहावत अब यूपी के मंत्रियों को मिले विभागों पर सटीक बैठ रही है. पिछले महीने ही ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की राज्य मंत्री ने अपने विभाग के मंत्री और प्रदेश में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर विभागीय कार्यक्रम या बैठकों में राय नहीं लिए जाने की शिकायत की थी. इसके बाद श्रम मंत्रालय के भी राज्य मंत्री की नाराजगी से सीएम को रूबरू करवाया गया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने विभागीय समीक्षा बैठक के लिए 12 सितम्बर की तिथि मुकर्रर की है.
इसे भी पढ़ें- ‘योगी के क्षेत्र में माफिया राज’! अवैध खनन रोकने खनन अधिकारी ने दी दबिश, फिर दबंगों ने टीम से की मारपीट, खोखले हैं ‘बाबा’ के कानून व्यवस्था के दावे
बता दें कि विभागीय कार्यों में हीलाहवाली को लेकर मुख्यमंत्री की नाराजगी पहले भी देखी जा चुकी है. जिसके बाद ही अधिकारियों का ट्रांसफर इधर से उधर किया गया था. 12 सितम्बर को मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा के साथ ही उनके राज्यमंत्रियों की विसंगतियों को दूर करने की प्राथमिकता मुख्यमंत्री योगी की होगी.
इसे भी पढ़ें- मनमुटाव, मान-मनौव्वल और मुलाकातः भरोसे की डगर पर सवार हुई अर्पणा यादव, जल्द ज्वाइन करेंगी उपाध्यक्ष पद!
साथ ही विभागीय समीक्षा के तहत सरकार की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों की पड़ताल भी मुख्यमंत्री करेंगे. जिसके बाद अधिकारियों के पटल भी बदलने की उम्मीद की जा सकती है.
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक