अमृतसर. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी द्वारा 1991 में पंजाब विद्रोह के दौरान बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और हत्या के मामले में एफआईआर रद्द करने के लिए दायर की गई अपील को खारिज कर दिया है. इससे पहले, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने भी एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सैनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
सैनी पंजाब के सबसे कम उम्र के डीजीपी थे. 6 मई 2020 को मोहाली के मट्टौर थाने में 1982 बैच के आईपीएस सैनी और 6 अन्य के खिलाफ मुल्तानी के अपहरण के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. बाद में, अगस्त 2020 में दो पुलिसकर्मियों के सरकारी गवाह बनने के बाद सैनी पर हत्या का आरोप लगाया गया था.
मुल्तानी चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में काम करते थे. सैनी उस समय चंडीगढ़ के एसएसपी थे. 1991 में एक आतंकवादी हमले में सैनी और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिसके बाद पुलिस ने मुल्तानी को गिरफ्तार किया.

सियासी साजिश का आरोप
पूर्व डीजीपी सैनी का दावा है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार द्वारा उनके खिलाफ सियासी साजिश रची गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद निचली अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी. 2008 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. सैनी उस समय डीजीपी केपीएस गिल की टीम का हिस्सा थे, जिसने राज्य में आतंकवाद को खत्म करने में मदद की थी.
2020 में हाई कोर्ट में दायर की थीं 2 याचिकाएं
सैनी ने 2020 में हाई कोर्ट में 2 याचिकाएं दायर की थीं. एक जमानत से संबंधित थी और दूसरी एफआईआर रद्द करने से. हाई कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसके बाद सैनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
सैनी ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि पंजाब में आतंकवाद खत्म होने के बाद हुए घोटालों को उजागर करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. 2007 से 2012 तक उन्होंने राज्य सतर्कता ब्यूरो के प्रमुख के रूप में सेवा की, जहां उनके कार्यकाल के दौरान राज्य की तत्कालीन सरकार के सदस्यों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे.
- फलों पर लगे छोटे स्टिकर सेहत के लिए कितने खतरनाक? जानिए नुकसान और बचाव के तरीके
- प्यार, ब्लैकमेलिंग और सुसाइड: प्रेमिका से प्रताड़ित युवक ने लगाई फांसी, एक दिन पहले ही रेप केस में जमानत पर जेल से आया था बाहर
- Lalluram Special : डॉ. प्रज्ञा सिंह ने चौथे, तो संतोष चौरसिया ने तीसरे प्रयास में हासिल किया राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार, एक ने गणित, तो दूसरे ने विज्ञान में किया नवाचार…
- पार्टी फंड हड़पने के लिए नवीन के साथ साये की तरह रह रहे हैं पांडियन : भाजपा विधायक सरोज पाढ़ी
- IAS संदीप भागिया पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप: खुद के अधीनस्थों की बनाई जांच कमेटी, कैसे होगी निष्पक्ष जांच?