विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश डीजीपी प्रशांत कुमार को योगी आदित्यनाथ का साफ संदेश है कि किसी भी सूरतेहाल में अपराधियों पर नियंत्रण कर पुलिस का बोलबाला कायम करना है. यही कारण है कि डीजीपी द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ का असर राज्य भर में देखने को मिलने लगा है. 1 जुलाई 2023 को शुरू किए गए इस महाअभियान के तहत 13 महीने और 10 दिनों के अंदर 50 हज़ार से ज़्यादा अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है. यह अभियान राज्य में कानून-व्यवस्था को सख्त और अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा करने के लिए चलाया गया है.

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अपराधियों पर पुलिस का नियंत्रण

13 महीने में 50,010 अपराधियों को सज़ा दी जा चुकी है, जबकि पुलिस द्वारा कोर्ट में प्रभावी पैरवी से उत्तर प्रदेश में भयमुक्त वातावरण बनाने का उद्देश्य भी लगभग पूर्ण हुआ है. इस ऑपरेशन के अंतर्गत 29 मामलों में 44 दोषियों को मृत्यु दंड की सजा सुनाई जा चुकी है. जबकि लगभग 25 सौ मामलों में लगभग पांच हज़ार दोषियों को उम्रकैद की सजा दिलाने में सफलता मिली है.

टारगेट बेस था पुलिस का काम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कड़ी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. उनके कई भाषणों में इसका प्रतीक भी देखने को मिलता है. अभी हाल में pac के एक कार्यक्रम में खुले मंच से योगी ने पुलिस को फ्री हैंड देने की बात करते हुए अपराधियो में पुलिस का खौफ बनाने की बात भी कही थी.

ऑपरेशन कनविक्शन के तहत हर जिले में प्रतिमाह 20 मामलों में सज़ा दिलाने के लिए आदेश डीजीपी कार्यालय से निर्गत किए गए थे. साथ ही पुलिस को कोर्ट में सज़ा दिलाने के लिए प्रभावी पैरवी करने के लिए भी बोला गया था, जिससे पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास जीता जाए. ये आंकड़ें बताते है कि पुलिस ने किस तरह से इस ऑपरेशन के तहत कार्य किया है. इस अभियान का बड़ा फायदा यह भी रहा कि पुलिस के पास लंबित मामलों को भी निपटाने में सफलता मिली है.

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