उमेश यादव, सागर। सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंचाने का दावा करती है. लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. सड़क न होने के कारण एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है और कीचड़ वाले रास्ते में बीमार मरीजों के लिए खटिया को ही एंबुलेंस बनाकर कंधों पर ले जाने को ग्रामीण मजबूर हैं. यह मामला देवरी विकासखंड के ग्राम घुघरी का है.

बता दें कि ग्राम घुघरी में 1 किलोमीटर का पूरा रास्ता दलदली होने के कारण एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए खाट पर पक्की सड़क तक ले जाया जा रहा था. इसी दौरान महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया. किसी तरह जच्चा- बच्चा को पक्की सड़क तक ले जाया गया. महिला के पति तेजराम आदिवासी ने बताया कि घुघरी मौजा के आदिवासी टोला में 10-12 परिवार सरकारी पट्टे की भूमि पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर निवास करते हैं. घुघरी गांव से आदिवासी टोला को जोड़ने वाला रास्ता दलदली है रास्ते पर एक दबंग ने कब्जा कर लिया है और फसल बो रखी है. जिससे लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है. सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण होने के कारण कोई भी वाहन नहीं पहुंच पाते हैं.

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डिलीवरी के समय वहां एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी. पत्नी माया को डिलीवरी के लिए अस्पताल लाने के लिए खाट पर लेटाकर निकले थे. तेज बारिश होने के कारण कीचड़ भरे रास्ते से माया को ले जाया जा रहा था. थोड़ी दूर पहुंचने के बाद उसे प्रसव पीड़ा होने लगा. जिसके बाद गांव की महिलाओं को बुलाकर डिलीवरी करवाना पड़ा. इसके बाद खटिया पर ले जाकर मां और नवजात बच्चे को गांव की सड़क तक एक निजी वाहन से देवरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. जहां दोनों स्वस्थ हैं. रास्ता खराब होने के कारण करीब 2 घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया. लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची.

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