शैलेंद्र पाठक,बिलासपुर. एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर खाताधारकों के खाते से रकम उड़ाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ने में बिलासपुर पुलिस ने कामयाबी पाई है. पुलिस ने साइबर सेल की मदद से गिरोह के मास्टर माइंड सहित पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपी ओडिसा के हैं, जिन्होंने रायपुर को हेड क्वार्टर बनाकर रखा था.  आरोपियों के पास से 20 मोबाइल के अलावा एटीएम कार्ड, सीसी कैमरा और 30 हजार रुपए नगद जब्त किया है.

बिलासपुर पुलिस के अनुसार, पकड़ में आया गिरोह देश के इस तीसरे बड़े स्क्रीनिंग गिरोह है, जो न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि अन्य प्रांतों में भी एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर पैसा उड़ाते थे. अकेले बिलासपुर जिले में गिरोह के तीन कारनामों का खुलासा हुआ है. गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने से पहले उन पर पुलिस 15 दिनों तक लगातार नजर रखे हुए थी. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मिली जानकारी के आधार पर बिलासपुर जिले के 200 से अधिक एटीएम कार्ड ब्लॉक कर खाताधारकों को पैसों की चपत लगने से बचाया.

बिलासपुर के बैंक ग्राहकों के साथ हो रही घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिरीक्षक रेंज बिलासपुर प्रदीप गुप्ता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर आरिफ एच शेख व एएसपी बिलासपुर शहर विजय अग्रवाल और डीएसपी पीसी राय के नेतृत्व में बिलासपुर साइबर सेल की 12 सदस्यीय टीम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके बाद टीम ने पीड़ितों से चर्चा के बाद आहरित किए गए एटीएम के फुटेज निकालकर जांच की.

जांच में पाया गया कि कुछ लोगों ने एटीएम के की पैड के ऊपर कुछ उपकरण लगाए जिसे बाद में वे निकालकर ले गए.अनुसंधान के अगले चरण में जांच टीम ने तमाम मोबाइल कंपनियों के टॉवर से प्राप्त 18 लाख मोबाइल नंबरों को जांच में लिया गया, जिसमें टीम को जानकारी मिली की बिलासपुर के अलावा छत्तीसगढ़ के दुर्ग, रायपुर, जांजगीर और रायगढ़ जिले के कई  भी ग्राहक एटीएम क्लोनिंग के शिकार हुए हैं. इसके बाद उस समय सक्रिय 2 हजार मोबाइल नंबरों की पड़ताल के बाद 8 से 10 व्यक्तियों की पहचान की.

आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस की टीम कोलकाता रवाना हुई, जहां पता चला कि उन्होंने अपना ठिकाना कोलकाता से बदलकर ओडिसा के संबलपुर, झारसगुड़ा, बरगढ़ और सुंदरगढ़ कर लिया है. पुलिस टीम ओ़डिसा पहुंचकर स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपियों तक पहुंची. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना झारसगुड़ा जिले के बसमा निवासी केबिन मूर्ति है. ‘सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके मूर्ति  के साथ गिरोह के सदस्य पूर्व में आधार कार्ड और स्मार्ट कार्ड बनाने का काम कर चुके हैं, जिसके बाद जल्द अमीर बनने के लिए बीते डेढ़ सालों से देश के विभिन्न राज्यों में एएटीएम क्लोनिंग कर लोगों के पैसे उड़ाए.

मामले में झारसगुड़ा, ओडिसा निवासी श्रीमंद दास उर्फ बाबू पिता दधिवमन दास (38 वर्ष), टनमुरा जिला संबलपुर निवासी खिरोद पटेल उर्फ पिंकू पिता बिरंची पटेल (35 वर्ष),  बरगढ़ निवासी घनश्याम कर्मी पिता वासुदेव कर्मी (39 वर्ष), बंकटाल-संबलपुर निवासी सुजीत खड़िया पिता श्रीवत्स खड़िया (31 वर्ष) और सुंदरगढ़ निवासी इंद्रसेन कंवर (34 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है.