होमवर्क यह एक ऐसा वर्ड है, जिसका नाम सुनते ही स्टूडेंट्स, पेरेंट्स सभी के माथे पर बल पड़ने लगता है। खासकर उन वर्किंग पेरेंट्स के माथे पर, जो दिनभर जॉब में रहते हैं और फिर घर आकर उन्हें बच्चे का होमवर्क करना होता है। यही वर्कलोड है कि पेरेंट्स अपने बच्चों के होमवर्क को पूरा कराने के चक्कर में बाजार से रेडीमेड प्रोजेक्ट ले आते हैं। होमवर्क पूरा करवाने के लिए ट्यूटर रखते हैं। या फिर खुद ही होमवर्क कर देते हैं। ये तीनों चीजें गलत हैं। इससे पेरेंट्स तो रिलेक्स हो जाते हैं, मगर बच्चा कमजोर हो जात है। वह रिलेक्स महसूस करने लगता है कि मेरे मम्मी-पापा तो होमवर्क कर देंगे। ऐसे में बच्चा स्कूल में पर्फोमेंस नहीं दे पाता।

दूसरी तरफ स्कूल से इतना ज्यादा होमवर्क मिलता है कि बच्चों को खेलने तक का समय नहीं मिलता। ऐसे में वह तनावग्रस्त हो जाता है। जिद्दी-चिड़चिड़े हो जाता है। ऐसे स्टूडेंट्स के प्रति टीचर को खास फोकस करना चाहिए। अपने सामने वर्क करवाना चाहिए। यहां जानिए बच्चों को होमवर्क करवाने के खास टिप्स।

टाइम टेबल बनाएं
सबसे पहले बच्चे का टाइम टेबल बनाएं। यानी खेलने का, पढ़ने का, टीवी देखने का समय तय करें। क्षमता से ज्यादा अपेक्षाएं न रखें। इससे बच्चे पर अनावश्यक बोझ पड़ता है और वह महसूस करता है।


पढ़ाई को रुचिकर बनाएं
कुछ ऐसे सब्जेक्टस का चयन करें, जिसमें बच्चे की रूचि है। जिसे वह जल्दी समझता है। प​ढ़ाई को रोचक बनाएं। रंग-बिरंगे वर्क शीट् बनाकर, उसी पर छोटे बच्चों का टेस्ट लेना शुरू करें।


उचित वातावरण होना
होमवर्क करते समय घर का माहौल अच्छा होना बेहद जरूरी है। अगर, स्टडी रूम है तो उसका माहौल तो और ज्यादा जरूरी है। टीवी का शोर न हो। कोई डिस्टर्ब न करे। शांत माहौल होना चाहिए।


पूरी स्टेशनरी मुहैया करवाएं
पढ़ाई के दौरान बच्चे के पास पर्याप्त स्टेशनरी होनी जरूरी है। ताकि वह बिना वक्त गवाएं अपने काम को पूरा कर सके। उसका ध्यान न बटें। जैसे- पेन-पेन्सिल, बुक। साथ ही प्रोजेक्ट वर्क पूरा करवाएं। इससे बच्चे में आत्मविश्वास पैदा होगा और विषय की जानकारी भी होगी।


हॉली-डे की प्लानिंग करें
बच्चे छुट्टी को एन्जॉय करना चाहते हैं। ऐसे में टाइमटेबल के हिसाब से चलना मुश्किल होता है। छुट्टी का अलग टाइमटेबल बनाएं। टाइमटेबल ऐसा हो कि होमवर्क हो जाए, और छुट्टी का भी मजा ले सके। हॉलीडे होमवर्क को पूरा कराने के लिए ऐसी जगहों जाने का प्लान बनाएं, जिससे आपका मनोरंजन और बच्चे का प्रोजेक्ट दोनों पूरे हो। इससे बच्चे की समझ का विकास होगा और उसकी मैमोरी भी तेज होगी। एक बात का जरूर ध्यान रखें​ कि बच्चे पर कोई दबाव न डालें। जबरदस्ती न करें। दोस्ताना व्यवहार करें। उनकी बात सुनें और फिर उन्हें समझाएं कि उनके लिए क्या सही क्या गलत। उनका हौसला बढ़ाएं। उनके काम का मंथली रिव्यू जरूर करें। उन्हें बताएं कि उन्हें क्या अच्छा किया है और फिर यह बताएं कहां कमी रह गई है।

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