भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार ने गुरुवार को सेवानिवृत्त कर्मचारियों की अस्थायी आधार पर नियुक्ति के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए। सामान्य प्रशासन एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा जारी एक प्रस्ताव के अनुसार, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की अस्थायी आधार पर पुनः नियुक्ति के लिए 2014 के सरकारी प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया है। रिक्त पदों को भरने और कर्मचारियों की पदोन्नति पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सरकार ने अब सेवानिवृत्त व्यक्तियों की अस्थायी आधार पर पुनः नियुक्ति पर निर्णय लेने के लिए एक चयन समिति गठित करने का निर्णय लिया है।

केवल तभी जब यह आवश्यक हो, 65 वर्ष की आयु तक के व्यक्तियों को मुख्यमंत्री की स्वीकृति से पुनः नियुक्ति के लिए विचार किया जा सकता है। दिशा-निर्देशों के अनुसार, सेवानिवृत्ति से पहले लगातार 60 महीनों तक ‘बकाया’ सीसीआर/पीएआर वाले अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद अस्थायी रूप से पुनः नियुक्ति के लिए ही विचार किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010-2014 के दौरान सरकारी प्रतिष्ठानों में विभिन्न अपरिहार्य कारणों से भर्ती में देरी के कारण जनशक्ति की भारी कमी रही, जिसके परिणामस्वरूप शेष कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्यभार पड़ा। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने अगस्त, 2014 में कुछ शर्तों के साथ पेशेवर विशेषज्ञता रखने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अस्थायी रूप से विभिन्न अवधियों के लिए अनुबंध के आधार पर पुनः नियोजित करने का निर्णय लिया था।

इस बीच, यह संज्ञान में आया है कि विभिन्न विभाग/कार्यालय बिना किसी उचित औचित्य के तथा केवल दैनिक कार्यों को निपटाने के लिए नियमित रूप से सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को नियोजित कर रहे हैं। अक्सर ऐसी पुनर्नियुक्ति बिना किसी ठोस औचित्य के की जाती है।

वास्तव में, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति अपवाद के बजाय एक नियम बन गई है। यह वह उद्देश्य नहीं था जिसके लिए छूट दी गई थी। ऐसी नियुक्तियां विभिन्न अवधियों के लिए अलग-अलग पारिश्रमिक तथा अलग-अलग शर्तों के साथ अनुबंध के आधार पर की जा रही हैं।

पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय स्थिति में सुधार, वित्त विभाग द्वारा भर्ती में छूट, भर्ती प्रक्रियाओं को सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित करने तथा परीक्षाओं को युक्तिसंगत बनाने के कारण स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

उपर्युक्त स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार करने के पश्चात तथा एकरूप सिद्धांत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार ने 2014 के संकल्प को निरस्त करने का निर्णय लिया है तथा निर्धारित किया है कि यदि नियमित कार्यों के लिए रिक्तियां उत्पन्न होती हैं, तो उक्त रिक्तियों को सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुनः नियुक्ति के माध्यम से नहीं भरा जाएगा।

इसके बजाय, संबंधित विभाग/कार्यालय उक्त रिक्तियों को सीधी/पदोन्नति भर्ती के माध्यम से भरने के लिए उपयुक्त उपाय करेगा, जैसा भी मामला हो। सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की पुनः नियुक्ति के लिए कदम उठाने से पहले, विभाग/कार्यालय उपरोक्त प्रकाश में प्रस्ताव का मूल्यांकन करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि यदि संबंधित सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी का पिछला अनुभव सरकार/कार्यालय के लिए अत्यधिक आवश्यक है, तो केवल उसके मामले को संकल्प में निर्धारित शर्तों के अधीन अनुबंध के आधार पर पुनः नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा।