पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के सुपेबेड़ा को अब क्षेत्रीय युवा डॉक्टर की सेवा मिलने जा रही है। मैनपुर ब्लॉक के सरगीगुड़ा के रहने वाले ऋषिकेश कश्यप को नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (NRHM) द्वारा चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है। आज एक कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुझाव दिया था कि दिल्ली से भी डॉक्टर लाए जाएं। इसके तुरंत बाद ऋषिकेश कश्यप की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया।

NRHM के संचालक डॉक्टर जगदीश सोनकर ने ऋषिकेश कश्यप को सुपेबेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधिकारी के रूप में नियुक्ति पत्र सौंपा। इस नियुक्ति के साथ अब सुपेबेड़ा में दो चिकित्सा अधिकारी हो गए हैं। पहले डॉक्टर गौरव ठाकुर को दो साल के बॉन्ड पर नियुक्त किया गया था, जो दो साल पूरे होते ही स्थानांतरित हो सकते हैं। नई नियुक्ति के बाद सुपेबेड़ा को एक स्थायी चिकित्सा अधिकारी मिल गया है।

बता दें कि ऋषिकेश ने मेडिकल की पढ़ाई देश के टॉप दस कॉलेजों में शामिल स्टेनली मेडिकल कॉलेज से की है और उनके पिता अमलीपदर हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य हैं।

गौरतलब है कि आज राजधानी में आयोजित प्रदेश भर के कलेक्टरों की एक कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा था कि सुपेबेड़ा के लिए डॉक्टर दिल्ली से भी लाए जाएं। साय सरकार के गठन के बाद से प्रशासन ने एक नेफ्रोलॉजिस्ट की पोस्टिंग के लिए लगातार प्रयास किए हैं और 7 से 10 लाख रुपए की सैलरी तक का ऑफर भी दिया है, लेकिन अभी तक कोई विशेषज्ञ इस जगह पर आने को तैयार नहीं है।

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