उदयपुर. अदाणी कौशल विकास केंद्र (एएसडीसी), साल्ही के पांच प्रशिक्षुओं ने अपनी पेशेवर यात्रा की शुरूआत तेलंगाना की एक नामी बहुराष्ट्रीय कंपनी से की है. राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल)  द्वारा सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में युवाओं के कौशल विकास के उद्देश्य से चलाए जा रहे कौशल विकास केंद्र में आस पास के गांवों के युवा इलेक्ट्रिशियन कौशल का प्रशिक्षण ले रहे थे. जिनके सफलता पूर्वक सम्पन्न होने पर अब उन्हें फ़्रांस की भारत में हैदराबाद स्थित श्नाइडर इलेक्ट्रिक कंपनी में रोजगार मिल गया है. जहां उन्हें प्रतिमाह 16,000 रुपये से भी ज्यादा का शुरुआती वेतन मिलेगा. चयनित उम्मीदवारों में घाटबर्रा गांव के गुलाब कुर्रे, भूपेन्द्र चौधरी, और बालीचरण, तथा साल्ही गांव के देवेश सिंह चंदेल और विवेक ठाकुर ने इस कंपनी में सहायक इलेक्ट्रीशियन के पद पर प्लैस्मेन्ट हासिल किया है.

इन उम्मीदवारों ने अपनी सफलता का श्रेय अदाणी कौशल विकास केंद्र और अपने अपने माता पिता को दिया है. उन्होंने अपनी खुशी का इजहार करते हुए बताया कि,“अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हमें कोई भी कौशल का ज्ञान और समझ न होने की वजह से कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही थी. जिससे हम बेरोजगार घूम रहे थे. किन्तु जब हमें अदाणी कौशल विकास केंद्र के विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में पता लगा तो हमने इलेक्ट्रिशियन के पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया. और अब हमारा एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में चयन हो गया है. हम खूब मेहनत और ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे और अपने करिअर को सफल बनाएंगे.”

वहीं इनकी सफलता पर गांव के सरपंच, उप सरपंच तथा उनके अभिभावकों ने खुशी जाहीर की व अदाणी कौशल विकास केंद्र के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है.

इस प्रकार क्षेत्र में आरआरवीयूएनएल की एक मात्र पांच सितारा प्रमाणित परसा ईस्ट केते बासेन खदान खुलने से ग्रामीण समुदायों में आदिवासी युवाओं के अच्छे करिअर के लिए जॉइन्ट एन्ट्रेन्स एक्सेमीनेशन (JEE) और नैशनल एलीजीबिलिटी कम एन्ट्रेन्स टेस्ट (NEET) की निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग प्रसिद्ध कोचिंग के शिक्षकों से जोड़कर कराई जाती है. इसके अलावा सरकारी स्कूलों में मरम्मत तथा बाला पेंटिंग, अतिरिक्त कक्षाओं एवं पक्के शौचालयों का निर्माण किया है. वहीं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में आदिवासी अंचल में केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध स्कूल, अदाणी विद्या मंदिर में पढ़ने वाले सभी 1000 से अधिक विद्यार्थीयों को टैब व स्मार्ट क्लासेस से सुसज्जित निःशुल्क पढ़ाई कराई जाती है. जिन्हें नाश्ता, मध्यान भोजन, किताब कॉपी, स्कूल बैग, स्कूल यूनिफॉर्म, जूते इत्यादि भी मुफ्त में दिए जाते हैं. यही नहीं, स्कूल में भोजन पकाने और परोसने का कार्य भी ऐसी महिलाओं के समूह द्वारा किया जाता है, जिनके बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं. अदाणी फाउंडेशन की यह पहल वास्तव में स्थानीयों के आराम और उपयोगिताओं के साथ साथ अंचल में औद्योगिक और संरचनात्मक स्थिरता के लिए भी एक अनुकूल वातावरण स्थापित किया है. साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 12 लाख से ज्यादा पेड़ 450 हेक्टेयर खनन की हुई जमीन में रोपित किया है. जो स्थानीय आदिवासी समाज को सभी तरह के विकास कार्यों से न सिर्फ ग्रामों के विकास की गाथा गढ़ रहे है, बल्कि स्थानीय विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं.