Retirement Planning Investment: भारतीयों के लिए बचत का बहुत महत्व है. भविष्य अनिश्चित है. वित्तीय आपात स्थिति कभी भी आ सकती है. ऐसे में पैसे बचाकर आप भविष्य के खर्चों के साथ-साथ वित्तीय जरूरतों के लिए सुरक्षा जाल तैयार कर सकते हैं. इसलिए, आय का एक हिस्सा निवेश करना उचित है. बचत निवेश करते समय हम रिटर्न देखते हैं. लेकिन हम दो महत्वपूर्ण कारकों मुद्रास्फीति और कर को नजरअंदाज कर देते हैं. ये आपके रिटर्न को कम कर सकते हैं.

मान लीजिए आप 30% टैक्स स्लैब में हैं और निवेश पर 7% सालाना रिटर्न पा रहे हैं. इसके अनुसार, टैक्स के बाद शुद्ध रिटर्न [7- 2.10 (7×30%)] केवल 4.90% है. यह मौजूदा मुद्रास्फीति दर के आसपास है. ऐसी स्थिति में, यह चुनना महत्वपूर्ण है कि कहां निवेश करना है और समय पर इसकी समीक्षा करना है. बेहतर होगा कि पहली आय से ही रिटायरमेंट की योजना बनाना शुरू कर दें.

1. SIP: संतुलित रिटर्न और कम जोखिम

मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए म्यूचुअल फंड की एसआईपी एक बेहतर विकल्प है. एसआईपी में, हर बाजार दर पर निवेश किया जाता है. इससे रिटर्न संतुलित रहता है और जोखिम कम होता है. टैक्स के लिहाज से आप डेट या इक्विटी चुन सकते हैं. इक्विटी पर डेट से कम टैक्स लगता है.

इसी तरह म्यूचुअल फंड में निवेश के कई विकल्प हैं- डेट, इक्विटी, हाइब्रिड, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि. डेट में जोखिम कम और इक्विटी में ज्यादा होता है. रिटर्न भी आमतौर पर महंगाई से ज्यादा होता है. कुछ एसआईपी और म्यूचुअल फंड में 80सी के तहत सालाना 1.50 लाख रुपये तक टैक्स छूट भी मिलती है.

2. EPF:

सुपर टैक्स सेविंग स्कीम ईपीएफ सैलरीड क्लास के लिए बेहतर निवेश विकल्प है. कर्मचारी चाहे तो इसमें 12 फीसदी की सीमा से ज्यादा निवेश कर सकता है. इस पर 8.25 फीसदी रिटर्न मिलता है, जो महंगाई की मौजूदा दर से दोगुना है.

कर्मचारी के योगदान पर मिलने वाला ब्याज सालाना 2.50 लाख रुपये की सीमा तक टैक्स फ्री होता है. नियोक्ता के योगदान पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. अगर 25 साल की उम्र में बेसिक मंथली सैलरी 40,000 रुपये है तो 25 साल में निवेश 72 लाख रुपये होगा और मैच्योरिटी अमाउंट 2.89 करोड़ रुपये होगा.

3. PPF: 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट

यह सैलरीड और नॉन सैलरीड दोनों तरह के निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है. इसमें पोस्ट ऑफिस या बैंक के जरिए अकाउंट खुलवाया जा सकता है. इसमें आप कम से कम 500 और अधिकतम 1.50 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं. निवेश की गई रकम पर सालाना 1.50 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है.

फिलहाल 7.10% ब्याज टैक्स-फ्री है. इसमें पहले 5 साल तक निकासी का विकल्प नहीं है. 15 साल तक 5 हजार का मंथली निवेश 16.27 लाख रुपये होगा. इसमें 9 लाख निवेश और 7.27 लाख ब्याज आय शामिल है. यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो बाजार के जोखिम से दूर रहना चाहते हैं.

4. Gold Investment: 55 साल तक 8% सालाना रिटर्न

जनवरी 1971 से मार्च 2024 के बीच सोने में निवेश पर निवेशकों को औसतन 8% सालाना रिटर्न मिला है. सोने में निवेश निवेशकों की तत्काल पैसे की जरूरत को भी पूरा करता है. भौतिक सोने के अलावा, बाजार में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) समेत कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं.

5. बैंक FD: सुरक्षित निवेश, लेकिन कम नेट रिटर्न

यह निवेश का सबसे लोकप्रिय माध्यम है. इसका रिटर्न बैंकों की ब्याज दरों के हिसाब से होता है. यह अपेक्षाकृत कम है, इसलिए यह महंगाई से लड़ने में कारगर नहीं है. एफडी पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल है. इसलिए यील्ड (नेट रिटर्न) सबसे कम है. लेकिन जरूरत पड़ने पर पैसे निकालने के विकल्प के कारण यह सबसे लिक्विड विकल्प है.