पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। देवभोग के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में अतरिक्त कक्ष निर्माण के लिए केंद्रीय योजना के समग्र शिक्षा मद से 48.42 लाख की मंजूरी दिया गया था. मैनपुर के लिए भी इतने ही राशि की मंजूरी दी गई है कार्य कराने की जवाबदारी गृह निर्माण मंडल को सौंप दिया गया है. मंडल ने टेंडर जारी कर उक्त कार्य निर्माण के लिए जून 2023 में मेसर्स अनिल कुमार चंदसोरया फर्म को इसकी जवाबदारी दिया है. काम भी शुरू हो गया है. लेकिन कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के शाला प्रबंध समिति को इस निर्माण पर आपत्ति है.

समिति के अध्यक्ष प्रमोद यदु और उपाध्यक्ष प्रेमा बाई मांझी ने गृह निर्माण मंडल पर मनमानी का आरोप लगाया है. यदु ने केंद्र से तय ड्राइंग डिजाइन को दिखाते हुए कहा कि अतरिक्त कक्ष का निर्माण आवासीय विद्यालय से लगे स्थान पर बनना था,ग्राउंड लेबल से कूल 6 कमरे का प्रावधान था जिसे बहु मंजिला बनाया जाना था. लेकिन गृह निर्माण मंडल ने भारत सरकार के बगैर सहमति अनुमति के अपने हिसाब से ही ड्राइंग बना दिया. बनाया गया ड्राइंग भी होस्टल के अनुरूप सूटेबल नहीं है. प्रमोद यदु ने कहा कि मूल होस्टल से 500 मीटर के भीतर बनाने के बजाए 2016 में आधा अधूरा निर्मित आरएमएस भवन में इसका निर्माण करवा रही है. उक्त भवन के निर्माण में पहले ही कई लापरवाही बरती गई थी,भवन के फर्स्ट फ्लोर में जो पिलहर उठाए गए थे उसी को तोड़ कर पहले के रोड में नए भवन के लिए लेपिंग किया जा रहा है. कक्ष की साइज भी छोटे कर 6 के बजाए 13 कर दिया गया है. जिससे छात्रवास संचालन में भी दिक्कत आएगी.

ड्रिलिंग के चलते नीचे भवन में पड़ रही दरार

देवभोग कस्तूरबा शाला प्रबंधन समिति ने बताया की निर्माण के लिए पुराने पिल्हर को ड्रिल से तोड़ा जा रहा है. जिससे कमजोर बने भवन के निचले दीवारों में दरारे आ रही है. ऐसे में नए भवन के टिकाऊ पर भी सवाल उठाया. आगे बताया कि अवधि निकल गई है, धीरे काम हो रहा है, उपयोग किए जा रहे मटेरियल की क्वालिटी भी अमानक है. हाउसिंग बोर्ड के अफसर कर्मी सभी रायपुर में रहते हैं. ठेका कंपनी अपने मुनीम के भरोसे मनमाफिक काम करा रहा है. अफसर कार्य क्षेत्र में झांकने तक नहीं आते.

समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक के पास हाउसिंग बोर्ड का था प्रभार

भवन निर्माण शुरू होने से पहले ही शाला प्रबंधन समिति के आपत्ति पर कस्तूरबा की अधीक्षिका ने समग्र शिक्षा के तत्कालीन प्रबंध संचालक इफ्फत आरा को 21/06/23 को पत्र लिख बदले गए डिजाइन पर आपत्ति दर्ज कराया था. इस पत्र के निराकरण के लिए समग्र शिक्षा से पत्र गृह निर्माण मंडल के आयुक्त को पत्र लिख निर्माण किए जाने वाले 6 कक्ष के लिए नियम का पालन और शिकायत का निराकरण करने 06/07/23 को पत्र जारी किया था. लेकिन अपाप्ति का निराकरण किए बगैर काम को शुरू कर दिया गया. बताया जाता है की उस समय इफ्फात आरा हाउसिंग बोर्ड के प्रबंध संचालक का प्रभार भी संभाल रही थी. शायद इसी बड़ी वजह के कारण जिला प्रशासन की आपत्ति के बावजूद तब्दील किए गए ड्राइंग मामले की कोई सुनवाई प्रदेश स्तर पर नही हुई.

गृह निर्माण मंडल की प्रतिक्रिया

गृह निर्माण मंडल के एसडीओ जितेंद्र साहू ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ड्राइंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि काम को समय समय पर मैं खुद देखता हूं,नीचे के भवन दीवार में भी कोई दरार नहीं है. उपयोग किए जाने वाले सामग्री की गुणवत्ता जांच लैब में होती है. हालांकि, उन्होंने माना कि कार्य में विलंब जरूर हुआ है और जल्द ही निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा.