भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट और एक्सपो के शुभारंभ किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीय, भारत को विश्व की सर्वोच्च तीन अर्थ व्यवस्थाओं में से एक बनाने के संकल्प को लेकर कार्य कर रहे हैं. आज का कार्यक्रम भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने की कार्य योजना का भाग है. भारत की विविधता-विस्तार-क्षमता और दक्षता की विश्व में अलग पहचान और मान्यता है. इसीलिए हम इन्डियन सोलूशनस फॉर ग्लोबल एप्लीकेशन की बात कहते हैं. आज देश- दुनिया के प्रतिनिधि ग्रीन एनर्जी के भविष्य पर चर्चा के लिए एकत्रित हुए हैं. हमारे लिए ग्रीन फ्यूचर और नेट जीरो कोई सजावटी शब्द नहीं हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत और भारत के हर राज्य की प्रतिबद्धता है. भारत आज का नहीं अपितु आने वाले एक हजार साल का आधार तैयार कर रहा है. हमारा उद्देश्य विश्व में शिखर पर पहुंचना ही नहीं अपितु शिखर पर बने रहना भी है. हम हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं से भलीभांति परिचित हैं. यह भी जानते हैं कि भारत ऊर्जा में आत्मनिर्भर नहीं है. इसीलिए हमने सौर ऊर्जा -पवन ऊर्जा-न्यूक्लियर और हाईड्रो पावर के बल पर भविष्य का निर्माण करने का निणर्य लिया है. चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट और एक्सपो कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश में क्लीन और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में किऐ जा रहे कार्यों को प्रस्तुत किया.


नवकरणीय ऊर्जा निर्माण और उपयोग में भारत की प्रगति का हुआ प्रभावी प्रदर्शन

नवकरणीय ऊर्जा निर्माण और उपयोग में भारत की प्रभावी प्रगति पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम को री-इन्वेस्ट 2024 का नाम दिया गया. मिशन 500 गीगावॉट कार्यक्रम का केंद्रीय विषय है. इस क्षेत्र में नवाचारों पर केंद्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई. इस ढाई दिवसीय सम्मेलन में नवकरणीय ऊर्जा के लिए अभिनव वित्त पोषण, ग्रीन हाइड्रोजन और भविष्य के ऊर्जा समाधानों पर चर्चा के सत्र आयोजित हैं. समिट में अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के रूप में जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नॉर्वे और भागीदार राज्यों के रूप में मध्य प्रदेश सहित आंध्रप्रदेश, कर्नाटक ,महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश भाग ले रहे हैं. गुजरात, इस समिट का मेजबान राज्य है. समिट में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषय विशेषज्ञ और इस क्षेत्र में कार्य कर रही कंपनियां भी भाग ले रही हैं.

रीवा सौर परियोजना को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जाता है

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने री- इवेस्टट 2024 के सत्र को संबोधित करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश असंभव को संभव करने की शक्ति रखता है. वर्ष 2012 में प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता 500 मेगावाट से भी कम थी. लेकिन प्रदेश में अलग से विभाग का गठन कर और नीतियों और विभिन्न प्रोत्साहन के फलस्वरूप ही पिछले 12 सालों में राज्य की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता में 12 गुना से अधिक वृद्धि हुई. आज राज्य की कुल ऊर्जा में 21 प्रतिशत नवकरणीय ऊर्जा का योगदान है. मध्य.प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार करने में भी अग्रणी राज्य है. रीवा सौर परियोजना के अंतर्गत बड़े-बड़े सौर ऊर्जा पार्क स्थापित किए. जहां से पहली बार देश में कोयला उत्पादित ऊर्जा से सस्ती सौर ऊर्जा उपलब्ध कराई गई है. इससे दिल्ली मेट्रो को बिजली दी गई और इसे विश्व स्तर पर एक आदर्श परियोजना के रूप में मान्यता मिली है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भी रीवा सौर परियोजना को केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जाता है. आगर-शाजापुर-नीमच सौर परियोजना के नीमच सौर पार्क में देश का न्यूतनम टैरिफ 2.14 रुपए प्रति यूनिट है. इस परियोजना से राज्य के साथ-साथ भारतीय रेलवे को भी बिजली सप्लाई हो रही है.

सभी शासकीय भवनों पर 2025 तक सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगर-शाजापुर-नीमच में 1500 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क निर्माणाधीन है. मां नर्मदा पर ओंकारेश्वर में 600 मेगावाट क्षमता की दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना विकसित की जा रही है. जिसमें 200 मेगावाट परियोजना के पैनल लगाए जा चके हैं. इस परियोजना से वाष्पीकरण से होने वाली जल की हानि भी कम होगी। मिशन मोड में 2025 तक सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य है. आगर, धार, अशोकनगर, भिंड, शिवपुरी और सागर जिलों में 15 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है. जहां 7 हजार 500 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की जाएगी. उज्जैन, आगर, धार, मंदसौर और रतलाम में 3 हजार मेगावाट पवन ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य है. राज्य सरकार पंप हाइड्रो ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के सुगम विकास के लिए राज्य की मौजूदा पंप हाईड्रो कार्य योजना में जरूरी बदलाव करने पर विचार कर रही है. ताकि सभी निवेशक आसानी से प्रदेश में निवेश कर सकें.

राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए दी रही है कई प्रकार की रियायतें

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में 464.65 करोड़ रुपए की लागत से 227.54 एकड़ का अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग जोन स्थापित किया जा रहा है. राज्य सरकार इस जोन में भूमि, विद्युत , जल दरों पर आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान कर रही है. इसके अंतर्गत एक रुपए टोकन राशि पर भूमि आवंटन होगा, लीज रेंट की वार्षिक दर एक रुपए प्रति वर्गमीटर होगी. विद्युत दर में 4 रुपए 36 पैसे प्रति यूनिट प्रथम 5 वर्षों तक छूट रहेगी. साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा अन्य कई प्रकार की रियायतें भी दी जाएंगी.

गुजरात,आंध्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोआ के मुख्यमंत्री तथा जर्मनी और डेनमार्क के मंत्री हुए शामिल

कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भुपेंद्र भाई पटेल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गोआ के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय राज्य मंत्री पाद नाइक सहित कई राज्यों के ऊर्जा मंत्री उपस्थित थे. साथ ही जर्मनी के इकानोमिक कॉर्पोरेट मिनिस्टर, डेनमार्क के इंडस्ट्री बिजनेस मिनिस्टर सहित अनेक देशों के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल हुए.

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