पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा- धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति किवंटल होने से खरीदी केंद्रों में किसानों की जगह बिचौलिये सक्रिय हो गए हैं. नकुलनार उपार्जन केंद्र में किसानों को 2 दिनों से बारदाना नहीं मिला है. बारदाना के अभाव में किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं. कुआकोंडा के कृषक रामधर, मंगल, जयमन, राजू ने लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि 2 दिनों से बोरे नहीं मिल पाने की वजह से हम लोग धान नहीं बेच पा रहे हैं. इस केंद्र में 975 किसानों का धान बेचने के लिए पंजीयन हुआ है. और अब तक महज 82 किसान ही धान बेच पाये हैं, जबकि खरीदी केंद्रों से बिचौलिये बारदाना लेकर बाज़ार का धान इसी केंद्र में साठगांठ से खपा रहे हैं.
क्षमता से 3 गुना धान खुले में पड़ा, सड़कों पर हो रही खरीदी
खरीदी केंद्र में 82 किसानों से ही 3000 क्विवंटल धान खरीदी हो गयी है, जो कि खुले आसमान के नीचे लेम्प्स मैनेजर सूरज मंडावी और स्टाफ की लापरवाही के चलते पड़ा हुआ है. जिसे ढकने के लिए त्रिपाल तक की व्यवस्था नहीं की गई है. जिन गाड़ियों का डीओ विपणन से उठाव के लिए कटा है, वे केंद्र तक पहुंच ही नहीं रही है.
इस मामले पर लेम्प्स मैनजर सूरज मंडावी ने कहा कि जल्द धान उठाव शुरू करा देंगे. और किसानों के लिए खाली बोर भी मंगवाये हैं. तब किसानों को दिक्कत नहीं आयेगी.
आपरेटर के भरोसे हो रही करोड़ों की खरीदी
इस केंद्र के लेम्प्स मैनेजर सूरज मंडावी और प्रभारी प्रेमसिंग दोनों सरकार की महत्वाकांक्षी धान खरीदी में इस तरह लापरवाही बरत रहे हैं कि कम्प्यूटर आपरेटर अलका चतुर्वेदी से खरीदी करवाई जा रही है. पिछले वर्ष इसी नकुलनार के धान खरीदी केंद्र में 6500 क्विवंटल धान खरीदी कर 250 किसानों को लाभान्वित किया गया था. मगर इस बार जिस तरह से 82 किसानों से 3000 किवंटल धान पहुंचा है. अब अंतिम समय तक यह आवक 15 हजार क्विवंटल तक भी पहुंच सकती है.