रायपुर। राज्य शासन द्वारा प्रशासनिक कार्यों में समन्वय और सहयोग के लिए पेशेवर युवाओं को जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस फेलोशिप के इच्छुक पेशेवरों के लिए आज यू-ट्यूब पर लाइव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक अधिकारियों ने इस फेलोशिप के उद्देश्य और कार्यों के बारे में इच्छुक पेशेवरों को जानकारी दी। यू-ट्यूब लाइव कार्यक्रम में चिप्स के सीईओ एलेक्स पॉल मेनन, जशपुर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला,बीजापुर कलेक्टर डॉ. अय्याज भाई तंबोली, कबीरधाम जिले के कलेक्टर नीरज बंसोड़ और प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फैलोज कार्यक्रम की दिव्या गुप्ता ने भाग लिया।
चिप्स के सीईओ एलेक्स पॉल मेनन ने बताया कि चिप्स द्वारा संचालित बहुउद्देशीय योजना ‘‘मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप कार्यक्रम‘‘ के अंतर्गत संपूर्ण राज्य के लिए 42 फेलोज की चयन प्रक्रिया जारी है। इनमें से 2 फेलो मुख्यमंत्री सचिवालय, 01 मुख्य सचिव कार्यालय, 12 विभिन्न विभागों और 27 फेलो राज्य के सभी जिला कलेक्टर कार्यालयों में कार्य करेंगे। उन्होनें बताया कि सभी 42 फेलोज प्रशासनिक अधिकारियों के मित्र, समन्वयक और सहयोगी के रूप में कार्य करेंगे।
यू-टयूब लाईव कार्यक्रम में भाग लेते हुए कबीरधाम के कलेक्टर नीरज बंसोड़ ने विश्वास व्यक्त किया कि फेलोज के आने से प्रशासनिक कार्याें में और अधिक तेजी आयेगी। जशपुर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि इससे जिले के सभी विभागों में समन्वय किया जा सकेगा। बीजापुर के कलेक्टर अय्याज भाई तंबोली ने कहा कि प्रशासन अपनी प्राथमिकताओं का निर्धारण करते हुए फेलोज की सहायता से प्रशासन को गांवों तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फैलोज कार्यक्रम की दिव्या गुप्ता भी भाग लिया एवं अपने विचार साझा किये।
उल्लेखनीय है कि 09 अगस्त 2017 को फैकल्टी ऑफ मेनेजमेंट स्टडीज् एवं आई.आई.टी, नई दिल्ली में ‘‘मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप कार्यक्रम‘‘ के लिए बूट कैंप का आयोजन किया जा रहा है। फैलोशिप कार्यक्रम राज्य सरकार की उच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के सफल संचालन विशेष रूप से स्वास्थ्य सूचकांकों, गरीबी उन्मूलन और साक्षरता स्तर को बढ़ाने वाली योजनाओं के संचालन में योगदान देगा। यह कार्यक्रम राज्य में विद्यमान विभिन्न समस्याओं के रचनात्मक और अभिनव समाधान सुझाने का कार्य करेगा। इस योजना के द्वारा सामाजिक परिवर्तन के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही प्रशासन एवं नीति निर्माताओं के लिए सलाह भी उपलब्ध होगी। शासन के प्रत्येक पहलू में नवाचार तथा प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन मिलेगा।