कुमार इंदर, जबलपुर। जबलपुर के बरगी बांध से लेकर रीवा तक मां नर्मदा का जल पहुंचाने के लिए चल रही नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की योजना पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। देश की सबसे लंबी टनल परियोजना भी इसी परियोजना का हिस्सा है जो 13 साल देरी से चल रही है यही कारण है कि ये अब हाई कोर्ट के कटघरे में है।

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जानकारी के मुताबिक जबलपुर के सिहोरा से 11953 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य का टेंडर साल 2008 में हुआ था जिसे 40 महीने में पूरा हो जाना था। लेकिन 13 साल बीत जाने के बाद भी ये योजना अधर में है। यही वजह है की योजना में देरी को लेकर एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में लगाई गई है। याचिका में कहां गया है कि 800 करोड रुपए की लागत से बनने वाली योजना को 13 साल भी जाने के बाद भी पूरा नहीं किया। यही योजना की राशि 800 करोड़ से रुपए से बढ़कर साढ़े 1400 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन अब तक योजना  अधर में लटकी पड़ी है। यही नहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि टनल से संबंधित अन्य दूसरे कार्य भी इसी टेंडर की प्रक्रिया के तहत होने थे लेकिन उन कार्यों के लिए भी अलग से टेंडर जारी कर एक मोटी रकम जारी कर ली गई लेकिन टनल अधूरी है।

सरकार के जवाब में ही कबूल की गई देरी की बात 

इस मामले में विधानसभा में सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब में यह बात भी सामने आई है कि अब तक इस योजना के लिए तकरीबन 1450 करोड़ रुपए का पेमेंट सरकार द्वारा कर दिया गया है। इतना ही नहीं जो भी निर्माण कार्य टेंडर का हिस्सा थे उन निर्माण कार्यों में कई का नए सिरे से टेंडर जारी किया गया और आर्थिक रूप से जानबूझकर पैसों की होली खेली जा रही है । याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से इस परियोजना की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत बार-बार टेंडर में दिया गया एक्सटेंशन और इसकी विस्तृत जानकारी भी तलब की है।

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