संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी– लोरमी ब्लॉक के डिंडौरी गांव में रहने वाली वंदना कक्षा 5वीं में पढ़ती हैं, वह दोनों हाथ से दिव्यांग है. इस कारण से उसे पढ़ाई में दिक्कत होती है. अधिकारियों से विनती करने के बाद भी कृत्रिम अंग नहीं दिया. और न ही पेंशन दिया. आज आकंलन व उपकरण शिविर में वंदना के परिजनों ने उपस्थित अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों ने जल्द ही वंदना के दोनों कृत्रिम हाथ लगवाने व पेंशन दिलाने का भरोसा दिया है.
लोरमी में समग्र शिक्षा अभियान एवं राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा गुरुवार को मंगलम भवन में दिव्यांग बच्चों के लिए आंकलन व उपकरण प्रदान करने शिविर लगाया गया. इस शिविर में लोरमी विकास खंड के 108 बच्चों की जांच की गई. इन बच्चों में 16 मानसिक और 19 बहुदिव्यांग सहित मूकबधिर व श्रवण बाधित 33, दृष्टि बाधित के 18 बच्चे शामिल हैं. वहीं इस कार्यक्रम में जिला और ब्लाक के अधिकारी मौजूद रहे.
इस शिविर में सभी बच्चों को प्रमाण पत्र व उपकरण देने के लिए चिह्नांकित किया गया है. और जांच में आंकलन के आधार पर सभी दिव्यांगों को जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. ताकि उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. इस दौरान कार्यक्रम स्थल में एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जहां लोरमी ब्लॉक के डिंडौरी गांव में रहने वाली वंदना जो कक्षा 5वीं में पढ़ती है जो अपने परिजनों के साथ मेडिकल जांच करवाने आई थी.
उनके परिजन का आरोप है कि वंदना के दोनों हाथ बचपन से ही छोटे हैं और वह पैर से भी विकलांग है. बावजूद इसके उसे किसी प्रकार का विकलांगता पेंशन नहीं मिलता. पीड़ित बच्ची के परिजनों ने अधिकारियों से कृत्रिम हाथ लगवाने और विकलांगता पेंशन देने की गुहार लगाई. जिसे अधिकारियों ने गंभीरता से लेते हुए जल्द ही वंदना के दोनों तरफ कृत्रिम हाथ लगवाने व पेंशन दिलाने का भरोसा दिया है.