Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विकसित राजस्थान की यात्रा में राजस्थानी मूल के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके अनुभव, सुझाव और संपर्क राज्य की प्रगति में अहम योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों से प्राप्त सुझावों को राज्य की नीतियों में शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शनिवार को अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विभिन्न राज्यों में कार्यरत राजस्थानी मूल के आईएएस अधिकारियों के साथ राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 9 से 11 दिसंबर तक राजस्थान में वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य राज्य को निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना और राज्य के विकास में नए आयाम जोड़ना है।

राज्य सरकार द्वारा बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रदेश की प्रगति के लिए आधारभूत ढांचे का विकास जरूरी है। सरकार बिजली, पानी, परिवहन और बुनियादी ढांचे के विकास पर निरंतर काम कर रही है। उन्होंने ईआरसीपी, यमुना जल वितरण और देवास परियोजना जैसे कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं। साथ ही, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2.24 लाख करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन और खनन क्षेत्र को भी बढ़ावा दे रही है और नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए स्थान चिन्हित किए गए हैं। किशनगढ़, झालावाड़, सिरोही और सीकर में हवाई सुविधाओं के विस्तार पर भी काम हो रहा है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पर्यटन, कृषि और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में निवेश से राजस्थान की प्रगति को रफ्तार मिलेगी और राइजिंग राजस्थान समिट के जरिए राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे प्रवासी राजस्थानी उद्यमियों, उद्योगपतियों और निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही, उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानियों के लिए विशेष राजस्थानी कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न राज्यों में कार्यरत राजस्थानी मूल के आईएएस अधिकारी भी शामिल होंगे और अपने सुझाव देंगे।

बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए। इनमें जल प्रबंधन, सौर ऊर्जा, कृषि आधुनिकीकरण, औद्योगिक नीतियों का शीघ्र क्रियान्वयन, सिंगल विंडो सिस्टम की मजबूती, पर्यटन को बढ़ावा और धार्मिक स्थलों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित करने जैसे सुझाव शामिल थे।

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