अनूप मिश्रा, बहराइच. उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के मिहींपुरवा तहसील के सुजौली क्षेत्र में घाघरा नदी का कहर लगातार जारी है. घाघरा नदी की तेज लहरों ने गुप्तापुरवा और तुलसीपुरवा गांवों को पूरी तरह निगल लिया है, जिससे इन गांवों का अस्तित्व समाप्त हो गया है. अब घाघरा की लहरें सुजौली, बड़खड़िया, चहलवा, और जंगल गुलरिया सहित नौ अन्य गांवों को भी अपनी चपेट में लेने के लिए बेताब नजर आ रही हैं.

ग्रामीण अपने घरों को अपने हाथों से तोड़कर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. लगभग 35,000 की आबादी इस विनाशकारी कटान से प्रभावित हो चुकी है. अब तक घाघरा की लहरें दो दर्जन से अधिक घरों और सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि को निगल चुकी हैं. जंगल गुलरिया ग्राम पंचायत के प्रधान प्रतिनिधि शिवकुमार निषाद ने इस स्थिति को लेकर जिलाधिकारी मोनिका रानी को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कटान रोकने की मांग की गई है.

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जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि संबंधित विभागों को निर्देश दिए जा चुके हैं और जल्द से जल्द कटान रोकने के प्रयास किए जाएंगे. ग्रामीणों की स्थिति दयनीय बनी हुई है, क्योंकि कटान लगातार जारी है और घाघरा की लहरों के सामने उनके घर और फसलें सुरक्षित नहीं हैं. लालमुनि, हरेंद्र, बब्बन, शुभराती, काबरुन्निशा, गंगादास, राजेश , रामशंकर, लल्लन, जीतेन्द्र, रामजीत, प्रभु, रामशंकर मौर्य के साथ काफी संख्या में किसानों के घर घाघरा नदी में समाहित हो चुके हैं.

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