Rajasthan News: राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा नगर में 17 सितंबर को एक मकान पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है, जिसके बाद से विवाद और बढ़ गया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने इस मकान के निर्माण में करीब 25 लाख रुपये खर्च किए थे, जो उधारी पर लिए गए थे। इस घटना के बाद कांग्रेसी नेताओं ने भी विरोध जताया है।

राजसमंद के पूर्व जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर ने आरोप लगाया कि नगर पालिका ने केवल एक नोटिस देकर साजिश के तहत आधी रात को मकान को तोड़ दिया, जो नियमों के खिलाफ है और पूरी तरह से राजनीतिक प्रेरित प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि नगर में कई अन्य अवैध निर्माण हैं, लेकिन इस तरह की कार्रवाई केवल इस परिवार के खिलाफ की गई है।
नगर पालिका अध्यक्ष मनीष राठी ने भी इस कार्रवाई को गलत बताया, यह कहते हुए कि उन्हें अतिक्रमण के बारे में कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को आगे बढ़ाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट की रोक
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद इस घटना ने मीडिया में सुर्खियां बटोरी हैं। पीड़ित परिवार के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों से बार-बार मदद मांगी, लेकिन उनकी बात अनसुनी रह गई।
एक पीड़ित सदस्य ने बताया कि रात के समय करीब 25 से 30 नगर पालिका कर्मचारी, 10 होमगार्ड और 3 जेसीबी मशीनें आईं और उनके नवनिर्मित मकान को ध्वस्त कर दिया।
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि 18 सितंबर को मामले की सुनवाई थी, लेकिन उससे पहले ही एक नोटिस जारी कर मकान को तोड़ दिया गया। उन्होंने नगर पालिका के कर्मचारियों पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया। वहीं, आयुक्त ने आश्वासन दिया कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी।
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