पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के घुमरापदर गांव में ग्रामीणों ने पिछले चार दिनों से 200 बैग राशन से लदे ट्रक को बंधक बना रखा है। यह ट्रक 20 सितंबर को देवभोग वेयरहाउस से राशन छोड़ने पहुंचा था, लेकिन दुकान प्रांगण में फंस गया था। इस दौरान एक युवक ने अपने ट्रैक्टर से ट्रक को टोचन देकर बाहर निकाला, लेकिन इस दौरान ट्रेक्टर चला रहा युवक बुरी तरह से घायल हो गया। इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों और पीड़ित के परिजनों ने ट्रक को बंधक बना लिया और इलाज का पूरा खर्च उठाने की मांग करने लगे। आज घटना के चार दिन बाद नागरिक आपूर्ति निगम के डीएमओ ग्रामीणों से सुलह करने पहुंचे थे लेकिन बात नहीं बनी और उन्हें खाली हाथ वापिस लौटना पड़ा।

बता दें कि नागरिक आपूर्ति निगम के डीएमओ किरण दास आज दोपहर 2 बजे गांव पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। ग्रामीणों की मांगों को डीएमओ मानने के मूड में नहीं दिखे, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। डीएमओ की प्राथमिकता पीड़ित ट्रैक्टर चालक जितेंद्र के बजाय ट्रक और राशन की सुरक्षा पर अधिक थी, जिससे ग्रामीणों में और असंतोष फैल गया। इस बीच, पंडरा माली समाज ने भी पीड़ित परिवार के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है।

इलाज का पूरा खर्च उठाने की जिद पर अड़े ग्रामीण

आज बातचीत के दौरान पीड़ित जितेंद्र की पत्नी ने नान DMO के सामने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक इलाज का पूरा खर्च नहीं दिया जाएगा, तब तक वह ट्रक अपने कब्जे में रखेंगे। इससे पहले रविवार को अमलीपदर थाना प्रभारी जय सिंह ध्रुवे राजस्व अफसरों के साथ गांव पहुंचकर मान-मनव्वल करने की कोशिश की, इलाज का खर्च मांग रहे परिवार को 40 हजार जुटाकर देने का प्रयास किया गया, लेकिन परिवार और ग्रामीण घायल के उपचार का पूरा खर्च मांग रहे है।

अमलीपदर थाना प्रभारी जय सिंह ध्रुवे ने कि घटना की तारीख के बाद से पीड़ित परिवार को मामला दर्ज कराने के लिए कहा जा रहा है, इसपर उनका कहना है कि अगर मामला दर्ज हुआ तो उन्हें ट्रक मालिक से इलाज में खर्च नहीं मिल पाएगा। आज फिर जाकर कहा गया है, लेकिन परिवार मानने को तैयार नहीं है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H