अमित पांडेय, खैरागढ़. कांग्रेसियों ने नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है. दरअसल वर्ष 2023 में खैरागढ़ सीएमओ और तत्कालीन पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के आपसी साठगांठ से नगर पालिका खैरागढ़ में बिना सामान खरीदे लाखों रुपए का भुगतान किया गया था और सरकारी पैसों की बंदरबाट हुई थी. इसे लेकर भाजपा लगातार विरोध कर रही थी. भाजपा के विरोध के बाद प्रशासन हरकत में आया और विभागीय जांच शुरू की. जांच में तत्कालीन सीएमओ कुलदीप झा दोषी पाए गए, जिन्हें शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया था, लेकिन पूरे मामले में सीएमओ खैरागढ़ के साथ ही नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई, जिसे लेकर आज विधायक प्रतिनिधि और कांग्रेस के कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
मामला खैरागढ़ नगर पालिका परिषद का है, जहां एक जून 23 से 31 दिसंबर 23 की अवधि में नगर पालिका अध्यक्ष, पार्षद, 14 वें वित्त, 15 वें वित्त, राज्य परिवर्तित, पालिका, दीदी बर्तन बैंक, मरम्मत संधारण, जलकष्ट निवारण मदों के अलावा अन्य मदों से सामाग्री क्रय किया जाना दर्शाकर लाखों रुपए का भुगतान किया गया. इसकी शिकायत भाजपा के महामंत्री रामाधार रजक ने कलेक्टर सहित नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव और संचालक से की थी.
शिकायत पत्र में बिना कोई सामाग्री क्रय किए कुल 37 लाख 73 हजार रुपए की बड़ी राशि का भ्रष्टाचार किए जाने की बात सामने आई थी. जिसकी खरीदी और भ्रष्टाचार के दौरान नगर पालिका में इससे संबंधित कोई बिल बाऊचर और फाइल उपलब्ध नहीं था. पालिका द्वारा कोई जिम सामाग्री क्रय भी नहीं किया गया था और सरकार के भंडार क्रय नियम का पालन भी नहीं किया गया था.
बीते दिनों बड़े नाटकीय तरीके से शैलेन्द्र वर्मा कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए, जिसके बाद साढ़े सात साल बाद खैरागढ़ शहर में भाजपा का पालिका अध्यक्ष बना. अब चूंकि शैलेन्द्र भाजपा के हो गए हैं इसलिए भाजपा की ओर से शिकायतों का सिलसिला रुक गया है, लेकिन भाजपा की जगह अब कांग्रेस ने शैलेंद्र वर्मा के ऊपर कार्यवाही करवाने मोर्चा खोल दिया है.
विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने बताया कि नगर पालिका में हुई 37 लाख रुपये की सरकारी राशि की बंदरबांट के मामले की जांच में जब सीएमओ को दोषी पाया गया और निलंबित किया गया है तो शैलेंद्र वर्मा के ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं की गई है. चेक पर सीएमओ और अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर हैं, दोनों ने मिलीभगत कर ये लूट मचाई है इसलिए हम शैलेंद्र वर्मा के खिलाफ कार्यवाही कर उन्हें पार्षद पद से बर्खास्त करने की मांग की है.
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