Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने आरसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर सुनवाई करते हुए सवाल उठाया कि एसएमएस स्टेडियम, जो सरकारी संपत्ति है, उसे आरसीए जैसी एक निजी सोसायटी को कैसे सौंपा जा सकता है?

अदालत ने यह भी पूछा कि इसके लिए किस अथॉरिटी के साथ एमओयू किया गया था। मामले में प्रमुख खेल सचिव को 7 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने आरसीए के पूर्व सचिव भवानी शंकर सामोता और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
अदालत ने कहा कि हर बार राज्य सरकार बदलने पर इस प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है कि एक आम नागरिक स्टेडियम का उपयोग नहीं कर सकता, जबकि कुछ लोग जो इस सोसायटी से जुड़े हैं, वे इसका लाभ उठा रहे हैं। अदालत ने एडहॉक कमेटी के अधिवक्ता एके जैन से यह भी पूछा कि एफआईआर किस पत्र के आधार पर दर्ज कराई गई है।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 7 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि एडहॉक कमेटी ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ ज्योति नगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर आरसीए में कार्यकाल के दौरान दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा और करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है। इस एफआईआर को याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
पढ़ें ये खबरें भी
- उत्तरकाशी में खतरा अभी टला नहीं! CM धामी ने अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के दिए निर्देश, मुख्यमंत्री ने लोगों से की ये खास अपील…
- मायके में पत्नी का पड़ोसी से झगड़ा: बदला लेने पति कट्टा लेकर घर से निकला, लेकिन पहुंच पाता उससे पहले रास्ते में हो गया कांड
- हाईकोर्ट सख्त : छत्तीसगढ़ में बिना मान्यता चल रहे नर्सरी स्कूलों पर सरकार को लगाई फटकार, प्रभावित बच्चों को 5 लाख मुआवजा देने के निर्देश
- CM योगी के प्रयास से जगी आसः आगरा बनेगा कंद फसलों के नवाचार का वैश्विक केंद्र, परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने दी इतने करोड़ की मंजूरी…
- भोपाल MD ड्रग मामले में दो विदेशी गिरफ्तार: थाई महिला और नाइजीरियन युवक कोर्ट में पेश, 8 अगस्त तक पुलिस रिमांड