रायपुर. नागरिक आपूर्ति घोटाला (नान) में आरोपी तात्कालीन अधिकारी शिव शंकर भट्ट की डायरी के कुछ पन्ने लल्लराम डॉट कॉम के हाथ लगे हैं. इन पन्नों में डॉक्टर साहेब और सीएम सर के नाम से इंट्री है. इन पन्नों में नाम के आगे नंबर लिखे हुए थे. माना जा रहा है कि पहले बरामद पन्नों की तरह ये भी रिश्वत के बंदरबांट की रकम है.

2015 के नान घोटाले में भूपेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद दोबारा जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. सरकार का कहना है कि इस मामले में जांच के नाम पर लीपापोती की गई है. शिवशंकर भट्ट की जिस डायरी को छापा मारकर एसीबी ने जब्त किया था, उस डायरी में जो नाम लिखे गए थे, उनसे पूछताछ तक नहीं की गई थी. डायरी के केवल 6 पन्नों को ही एसीबी ने कोर्ट में पेश किया था. बाकी एसीबी के पूर्व अधिकारियों ने अपनी सेल्फ में रख लिए थे. इन पन्नों की जांच तक नहीं की गई थी.

भट्ट की डायरी के 39 नंबर के पन्ने में 353.85 खर्च का विवरण है. ये साफ नहीं है कि ये रकम लाख में है या करोड़ में. इन पन्नों में पद्मा मैडम, रेड्डी सर और यादव सर के नाम से भी एंट्री है.  

नान घोटाले में डायरी के हाथ से लिखे और कप्यूटर प्रिंट आऊट के रुप में कुल 113 पन्ने बरामद हुए थे. बाकी जिन 107 पन्नों को रखा गया था. उसके पेज नंबर 39 में डॉक्टर साहेब और सीएम सर के नाम से एंट्री है. ये एंट्री फरवरी-मार्च 2013 की है. इससे पहले बरामद पन्नों में सीएम मैडम के नाम से एंट्री थी. जिस पर कांग्रेस के अध्यक्ष के रुप में भूपेश बघेल ने सड़क से लेकर सदन तक रमन सरकार को घेरा था. उन्होंने पूछा था कि ये सीएम मैडम कौन है.

क्या है नान घोटाला

छत्तीसगढ सरकार स्कीम के तहत गरीबों को 1 रुपये में चावल बांटती थी. 2015 में नागरिक वितरण प्रणाली में भारी गड़बड़ी होने का पता चला था. राज्य की आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू और भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो की टीमों ने फ़रवरी 2015 में नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों पर छापेमारी कर साढ़े तीन करोड़ रुपये कैश बरामद करने का दावा किया था और मामले से जुड़े कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे.

छापेमारी में रायपुर के नान मुख्यालय की जांच के दौरान एक डायरी मिली. जाँच अधिकारियों का कहना है कि इसमें कमीशन लेने वालों के नाम दर्ज हैं. इस डायरी में एक पूर्व मंत्री सहित रमन सिंह की निवर्तमान सरकार में मंत्री रहे दो व्यक्तियों के नामों का उल्लेख भी है. साथ ही कई अधिकारियों और दो अन्य नेताओं से करोड़ों रुपये के लेन-देन का जिक्र है. इसमें एक एंट्री सीएम मैडम के नाम से भी था. जिसे कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए बड़ा मुद्दा बनाया था.

ईओडब्ल्यू ने इस मामले में कुल 27 लोगों को अभियुक्त बनाया था और अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा रमन सिंह सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की अनुमति पिछले साल ही दी. ये अधिकारी हैं अनिल टुटेजा और डॉक्टर आलोक शुक्ला. साल 2015 में जब इस मामले का पता चला था तब ये दोनों अधिकारी नागरिक आपूर्ति निगम यानी नान में क्रमश: चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पदों पर थे.