निशांत राजपूत, सिवनी। स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, जहां मां-बाप अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें ज्ञान के भंडार में शिक्षा ग्रहण करने भेजते हैं मध्य प्रदेश सरकार भी सरकारी स्कूलों कि बेहतर शिक्षा को संवारने में करोड़ों रुपय खर्च कर रही है। स्कूलों में लगातार बच्चों की दर्ज संख्या बढ़ने लगी है। निजी स्कूल छोड़कर बच्चे सरकारी स्कूल में अपना दाखिला कर रहे हैं। लेकिन स्कूल ऐसे हैं जहां पर शिक्षक बच्चों को पढ़ाने की बजाय उनसे काम कराते हैं।

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मामला सिवनी शहर के बाबरिया इलाके के प्राथमिक स्कूल का है। जहां की तस्वीरें शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोलती नजर आ रही हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहे है, जिसमें एक शिक्षक खड़े होकर नौनिहालों से काम करवाता हुआ नजर आ रहा है। बच्चे यहां मन लगा कर पढाई नहीं बल्कि बे मन काम करने को मजबूर हैं।

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यह घटना कल यानी 24 सितंबर का बताया जा रहा है, इस वीडियो को स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद से यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जहां सरकार के तमाम दावों और वादों की पोल खुलती नजर आ रही है।

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