RPF Latest News: प्रतीक चौहान. रायपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त यानी SR DSC रमन कुमार ने आरपीएफ की ट्रेन स्कार्टिंग पार्टी के लिए एक शेड्यूल जारी किया है. ये शेड्यूल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आईजी को भी सूचनार्थ किया गया है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या जोन के आईजी इस आदेश से सहमत है या इसमें कोई सुधार की गुंजाइश है ? अब आपको बताते है कि ये क्या आदेश है और कैसे इस आदेश के मुताबिक आरपीएफ स्टॉफ को कैसे 18 घंटे से अधिक की ड्यूटी करनी पड़ रही है. एक अहम सवाल ये भी है क्या स्टॉफ से 18 घंटे की ड्यूटी कराने के लिए रेल मंत्रालय से कोई आदेश लिया गया है या अधिकारी अपनी स्वविवेक से ऐसे आदेश जारी कर स्टॉफ से ड्यूटी करा रहे है. इस संबंध में आरपीएफ के अधिकारियों का पक्ष जानने के लिए कमांडेंट और आईजी को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया.

14 सितंबर को रायपुर रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेंट रमन कुमार (Sr DSC Raipur Raman Kumar) ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें दुर्ग-विशापट्नम-दुर्ग वंदेभारत एक्सप्रेस और पुरी-दुर्ग-पुरी एक्सप्रेस में स्कार्टिंग कराए जाने को जारी किया गया है.

लेकिन शायद सीनियर डीएससी साहब इस आदेश को जारी करने से पहले मानवीय पहलुओं को भूल गए या ये भी हो सकता है कि सबकुछ जानकर भी उन्होंने ऐसा आदेश जारी किया हो ? हालांकि ऐसे आदेश कैसे जारी हुआ ये आरपीएफ के उच्च अधिकारियों के लिए जांच का विषय है.

इस आदेश में उन्होंने बताया है कि दुर्ग आरपीएफ पोस्ट से 1+3 स्टॉफ स्कार्टिंग करेंगे. यानी एक अधिकारी और 3 जवान. ये स्टॉफ सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर दुर्ग से छुटने वाली Durg-Visakhapatnam Vande Bharat Express को मंदिरहसौद तक स्कार्ट करेंगे. वे वहां सुबह 6 बजकर 38 मिनट में पहुंच जाएंगे.

इसके बाद वे Puri-Durg Express को महासमुंद से स्कार्ट करेंगे. वे सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर निकलेंगे और सुबह 11 बजकर 55 मिनट में दुर्ग पहुंचेंगे. इसके बाद वे पुनः Durg-Puri Express को दुर्ग से दोपहर 4 बजकर 10 मिनट में स्कार्ट करते हुए रवाना होंगे और 6 बजे महासमुंद पहुंचेंगे.  महासमुंद से वे पुनः Visakhapatnam-Durg Vande Bharat Express को एस्कार्ट करते हुए रात 9 बजकर 2 मिनट पर निकलेंगे और रात 10 बजकर 50 मिनट में दुर्ग पहुंचेंगे.

कितने घंटे की हुई ड्यूटी ?

इस आदेश के हिसाब से सुबह 5 बजकर 45 मिनट से रात 10 बजकर 50 मिनट तक का ही हिसाब करें तो 17 घंटे से अधिक की ड्यूटी होती है. इसके बाद स्कार्टिंग के लिए जवान और एएसआई या एसआई हथियार गृह से हथियार लेंगे, आते और जाते समय थाने में डायरी करेंगे. जो 18 घंटे से अधिक की ड्यूटी होती है. बात यही खत्म नहीं होती. आरपीएफ के अधिकारी पुनः अगले दिन इसी स्कार्टिंग पार्टी से फिर ये ड्यूटी करा रहे है.

अब सवाल ये है कि ऐसे आदेश जारी करने में क्या अधिकारियों के पास को अनुमति है या अधिकारी अपने स्वविवेक का इस्तेमाल कर आरपीएफ जवानों से 18-18 घंटे की ड्यूटी करा रहे है.

क्यों कठिन है ये स्कार्टिंग ड्यूटी ?

ट्रेन में स्कार्टिंग करने वाले आरपीएफ के एक स्टॉफ से लल्लूराम डॉट कॉम ने ये जानने की कोशिश की कि 18 घंटे की ऐसी ड्यूटी लगाई गई है और ये कितना आसान या कठिन है ? इसमें करीब 9 घंटे आराम भी तो मिल रहा है ?

इस जवान ने जो अपनी पीड़ा बताई वो सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. उसने कहा,  ट्रेन में सफर करने में और ड्यूटी करने में फर्क होता है. जवान ने कहा कि 30-35 किलो भारी हथियार, टार्च, वॉकी-टॉकी और अपना एक सामान लेकर जब आप ट्रेन के अंदर स्कार्टिंग करेंगे तो हकीकत से रूबरू हो जाएंगे.

उन्होंने कहा कि हथियार जो वे सुबह इश्यू करवाते है वो सीधे रात में जमा होते है. हालांकि जवान ने ये भी कहा कि जब 100 पर्सेंट TA क्लेम होता है तो अच्छा लगता है पर ऐसा TA उन्हें नहीं चाहिए, जो उन्हें ऐसी ड्यूटी कराए और वे अपने घर में पत्नी-बच्चे को अपने आते और जाते वक्त सिर्फ सोता हुआ ही देख पाए.