गाजियाबाद. केंद्र की मोदी सरकार 2020 में तीन कृषि बिल लेकर आई थी तब से देशभर के किसान इसका विराेध कर रहे थे. भारी बवाल होने के बाद भी भाजपा सरकार ने इसको कानून के रूप में लागू कर दिया. इसके खिलाफ लगातार 14 महीने तक दिल्ली बॉर्डर पर किसान डंटे रहे. थक-हारकर मोदी सरकार ने 2021 में इन कानून को निरस्त कर दिए. अब फिर केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद बीजेपी के विधायक-सांसद तीनों कृषि कानून की मांग करने लगे हैं. हरियाणा की भाजपा सांसद कंगना रनौत के बाद अब गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भी इन कानूनों को लागू करने की मांग की है.
भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा है कि देश में तीनों कृषि बिल लागू होने चाहिए. उन्होंने ने कहा कि देश में अगर किसानों के लिए किसी सरकार ने काम किया तो वह सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी. अटल सरकार में कृषि मंत्री राजनाथ सिंह ने किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ देकर कृषक समाज की स्थिति को मजबूत किया. इसके बाद किसानों को सम्मान निधि के तहत खाद और बीज के लिए सालाना 6000 रुपए की मदद किसानों को किसी ने की तो वह नरेंद्र मोदी सरकार है. भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार लगे हुए हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए किसानों की स्थिति में सुधार की कोशिश की गई.
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BJP विधायक ने कंगना रनौत का किया समर्थन
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि तीन कृषि बिल देश के किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लाए गए थे. किसान जीडीपी में एक बड़ा हिस्सा रखते हैं. मोदी सरकार की कोशिश है कि किसान भी आर्थिक तौर पर मजबूत हों. उन्हें उनकी फसल की पूरी कीमत मिले. मोदी सरकार की ओर लाई गई तीनों कृषि बिल में आढ़तियों का मकरजाल को तोड़ने की कोशिश की गई. किसान अपनी फसल को कहीं बाहर ले जाकर नहीं भेज सकते हैं. पुलिस कई बार परेशान करती है. उन्हाेंने कहा कि कृषि बिल के जरिए किसानों को राहत देने की कोशिश की गई. तीनों कृषि बिल में किसानों की उन्नति के लिए प्रावधान किए गए थे.
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कंगना रनौत ने कही ये बात
बता दें कि कंगना रनौत के बयान पर देशभर में घमासान मचा हुआ है. कंगना रनौत ने कृषि कानून की वकालत करते हुए कहा कि छोटे और मध्यम कृषकों के हित में इसे लागू किए जाने की मांग कर दी है. आढ़तियों के जाल से किसानों को मुक्त करने वाला कानून देश में लागू किए जाने की बात दोहराई. एक राजनीति के तहत उसे लागू नहीं होने देने का आरोप लगाया. इससे पहले उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनस्थल पर हुई मौतों का मामला उठाया था. हालांकि, कंगना रनौत ने अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने इस बयान से किसी की भावनाओं के आहत होने पर माफी मांगी है. साथ ही, इसे व्यक्तिगत बयान करार दिया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बोला हमला
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि 750 किसानों की शहादत के बाद भी किसान विरोधी भाजपा और मोदी सरकार को अपने घोर अपराध का अहसास नहीं हुआ! तीन काले किसान-विरोधी क़ानूनों को फिर से लागू होने की बात की जा रही है. कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है. किसानों को गाड़ी के नीचे कुचलवाने वाली मोदी सरकार ने हमारे अन्नदाता के लिए कंटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीले और बंदूक़ें सबका इस्तेमाल किया, ये भारत के 62 करोड़ किसान कभी भूल नहीं पाएंगे. इस बार हरियाणा समेत सभी चुनावी राज्यों से किसानों पर ख़ुद प्रधानमंत्री द्वारा संसद में किसानों को “आंदोलनजीवी” और “परजीवी” की अपमानजनक टिप्पणी का करारा जवाब मिलेगा. मोदी की बयानबाज़ी के चलते उनके मंत्रियों और सांसदों व दुष्प्रचार तंत्र को किसानों का अपमान करने की आदत हो गई है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा कि 10 सालों में मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए गए अपने तीन वादे तोड़े हैं. 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी, स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक़ Input Cost + 50% MSP लागू करना, MSP को क़ानूनी दर्जा, किसान आंदोलन वापस लेते समय मोदी ने सरकारी समिति की घोषणा की थी, वो आज भी ठंडे बस्ते में है. मोदी सरकार MSP की कानूनी गारंटी के ख़िलाफ़ है. शहीद किसानों के परिवारों कोई राहत नहीं दी गई, संसद में मोदी सरकार ने उनकी याद में दो मिनट का मौन रखना भी मुनासिब नहीं समझा और ऊपर से लगातार उनका चरित्र हनन जारी है. पूरा देश जान गया है कि भाजपा की रग-रग में किसान विरोधी नफ़रती मानसिकता बसी है.
राहुल गांधी बोले- फिर मोदी को मांगनी पड़ेगी माफी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? 700 से ज़्यादा किसानों, खास कर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत ले कर भी भाजपा वालों का मन नहीं भरा. INDIA हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध भाजपा का कोई भी षडयंत्र कामयाब नहीं होने देगा – अगर किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो मोदी को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी.
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