लखनऊ. पीजीआई के डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ की ठगी के मामले में दो और आरापियों की गिरफ्तारी हुई है. दोनों से साइबर क्राइम की टीम पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी कमीशन पर काम करते थे.

दोनों आरोपियों को अवध बस स्टेशन से गिरफ्तार किए गए. इस मामले में अब तक पांच राज्यों से 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ठगी की रकम सऊदी अरब के कई बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी. सहारनपुर निवासी रोबिन कुमार और संभल के मोहम्मद पुर भांड का रहने वाला नितिन गुर्जर दोनों आरोपी हैं.

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आरोपितों के पास से चार मोबाइल, 10 एटीएम कार्ड, तीन सिम कार्ड, चेक बुक, तीन चेक के पन्ने, दो पैन कार्ड और पीएनबी तथा एचडीएफसी बैंक के पेपर बरामद हुए हैं. उत्तराखंड में एक फर्जी कंपनी में नौकरी देने का लालच देकर बेरोजगारों से उनके दस्तावेजों पर बैंकों में फार्म के नाम से खाते खुलवाते थे. इन्हीं खातों में ठगी की रकम को लिया जाता था.

सऊदी अरब से है मास्टरमाइंड

ठगी गई रकम दूसरे खातों में ट्रांसफर होने के बाद बिटकॉइन के माध्यम से 30 से 40% कमीशन देकर मंगवाया जाता था. रकम का कुछ हिस्सा जिनके खातों में रकम मंगाई गई थी, उन्हें कमीशन के तौर पर दिया जाता था. मास्टरमाइंड सऊदी अरब से गिरोह का संचालन करता है.

ट्रांसफर से जुड़े खातों की भी हो रही जांच

वहीं से दो इंडियन बैंक अकाउंट में 1.5 करोड रुपए ट्रांसफर किए थे. यह रकम एसजीपीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रुचिका टंडन से ठगे गए थे. एक और मामले में सऊदी अरब से साथ खातों में 47 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया था. सऊदी अरब में बैठे मास्टरमाइंड के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. रकम ट्रांसफर से जुड़े खातों की भी जांच हो रही है.

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