भुवनेश्वर. मुख्यमंत्री मोहन माझी के निर्देश के बाद बालेश्वर मिले के बाद प्रभावित लोगों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की गई है. राज्य सरकार द्वारा घोषित किये गये सहायता में पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों की उत्काल मरम्मत के लिए 1,20,000 रुपये, आंशिक रूप में क्षतिग्रस्त पक्के मकानों के लिए 6,500 रुपये, आंशिक रूप से अतिग्रस्त कच्चे मकानों के लिए 4,000 रुपये, क्षतिग्रस्त झोपड़ियों के लिए 8,000 रुपये तथा क्षतिग्रस्त गाय के रहने के स्थान के लिए 3,000 रुपये शामिल हैं.
फसल और बागवानी में होने वाले नुकसान के लिए छोटे और सीमांत किसानों को उनकी खेती की जमीन के प्रकार के आधार पर वित्तीय सहायता दी जाएगी. विशेष रूप से उन्हें गैर-सिंचित क्षेत्री के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर सिंचित भूमि के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और सभी प्रकार की बारहमासी फसलों के लिए 22,500 रुपये प्रति हैक्टेयर दिए जाएंगे. यह सहायता प्रति किसान दी हेक्टेयर तक उपलब्ध होगी. छोटे और सीमांत किसानों की विशिष्ट शर्तों के आधार पर वितीय सहायता मिलेगी. उनकी भूमि पर तीन इंच रेत जमा होने पर उन्हें प्रति ष्टेयर 18,000 रुपये दिए जाएंगे, जिसमें व्यूनतम राशि 2,200 रुपये होगी.
माहली तालाबों की मरम्मत और पुनरुद्धार के लिए भी 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर या न्यूनतम 2,200 रुपये प्रति हेक्टेगर की राशि उपलब्ध होगी. ऐसे मामलों में जहां भूस्खलन या नदी के मार्ग में बदलाव के कारण कृषि भूमि को काफी नुकसान होता है, वहां किसानों को प्रति हेक्टेयर 47,000 रुपये मिलेंगे, साथ ही प्रति किसान न्यूनतम 5,000 रुपये की नितीय सहायता भी मिलेगी. मछुआरों को आंशिक रूप से श्रीग्रस्त गावों के लिए 6,000 रुपये, शिवा रूप से क्षतिग्रस्त जालों के लिए 3,000 रुपये, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त माबों के लिए 15,000 रुपये, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त जाली के लिए 4,000 रुपये तथा मछली बीज फार्मों को हुए नुकसान के लिए 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा. सरकार ने धरेलू डेयरी पशुओं के लिए भी वित्तीय सहायता की घोषणा की है. प्रति गाय 37,500 रुपये, प्रति बकरी या भेड़ 4,000 रुपये प्रति बोझा पशु (जैसे मेल, चकरी गा पोई) 32,000 रुपये तथा प्रति बछड़ा, गभा या खच्चर 20,000 रुपये.