विक्रम मिश्र, लखनऊ. खाने पीने के सामानों में कभी थूकने तो कभी किसी तरह की मानवीय अपशिष्ट मिलने की खबर रोजाना ही सुनने-देखने को मिल रही है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मिलावटखोरों पर नकेल कसने के लिए दुकानों के बाहर बोर्ड पर मालिक और मैनेजर के नाम पता लिखवाने के निर्देश जारी किए हैं. हालांकि ऐसा ही फैसला कावड़ यात्रा के दरम्यान भी देखने को मिला था, जिसमें कि दुकान पर मालिक के नाम लिखे होने के कानून को योगी सरकार ने अमल में लाया था. जिसके बाद में कोर्ट में योगी सरकार के इस फैसले पर बड़ी फजीहत भी हुई थी.
इन्हीं मसलों को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने अपना बयान सोशल मीडिया हैंडल X पर दिया है. मायावती ने इस फैसले को जनता को परेशान करने वाला बताते हुए खाद्य सुरक्षा कम और जनता का ध्यान बांटने वाला बताया है. मायावती के अनुसार पहले से ही खाद्य सुरक्षा कानून के कड़े नियम देश में मौजूद है. इसके बावजूद सरकारी लापरवाही और मिलीभगत से मिलावट का कारोबार फल-फूल रहा है. उन्होंने योगी सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या महज नाम लिखवा देने से मिलावट का गोरखधंधा बंद हो सकता है? आगे उन्होंने तिरुपति प्रसादम में चर्बी की बात कहते हुए कहा कि जनता श्रद्धालु इस तरह की खबर से दुखी है. अब ऐसे में धर्म आस्था के नाम पर लोगो के साथ ऐसे घृणित खिलवाड़ का असल दोषी कौन है?
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आपको बता दें कि प्रदेश और देश में हर तरफ किसी रेस्तरां या फ़ास्ट फ़ूड सेंटर से अक्सर ये खबर सामने आती है कि वहां से मिलावटी समान बरामद हुआ है. जिस पर नकेल कसने और खासकर इस तरह के कुकृत्य को रोकने के लिए सरकार ने नया नियम लागू किया है, जिसके तहत ही सभी दुकानदारों रेस्तरां मालिकों को अब दुकान के बारह अपना और मैनेजर का नाम पता लिखवाना अनिवार्य होगा.
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