आशीष तिवारी, रायपुर। पांचवे विधानसभा में शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन था. लेकिन दूसरे दिन सदन के नेता से पू्र्व संसदीय कार्यमंत्री टकरा गए. बात कुछ ऐसे आगे बढ़ी की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष के साथ पूर्व संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर से पूछ लिया कि इतनी बखौलाहट क्यों?
दरअसल हुया कुछ यूँ था. जिस समय विधानसभा के भीतर राज्यपाल सरकार की उपलब्धियों से भरी अभिभाषण पढ़ रही थीं उसी दौरान विधानसभा के बाहर कुछ दूरी पर कांग्रेस के लोग अजय चंद्राकर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहें थे. कांग्रेस का यह प्रदर्शन अजय चंद्राकर के इस्तीफे की मांग को लेकर था. इस्तीफा इसलिए क्योंकि चंद्राकर ने कहा था कि अगर सरकार 10 दिनों में किसानों का कर्जा माफ कर देगी तो वे विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कांग्रेस सरकार ने अपना वादा पूरा कर दिया अब अजय चंद्राकर अपना वादा पूरा करे.
बस फिर क्या सदन में राज्यपाल अभिभाषण खत्म हुआ और सदन के नेता मुख्यमंत्री बोलना शुरू किया. तभी पूर्व संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर बिना अनुमति बोलने लगे कहने लगे. जब विधानसभा क्षेत्र में धारा 144 लागू है तो ये प्रदर्शन कैसे? ऐसे में सदन कैसे चलेगा? इस पर बघेल ने लेकर पूर्व मंत्री को टोका. कहा, आप किसकी अनुमति से खड़े हुए है. सदन व्यवस्था के अनुरूप चलेगा. हमें पता है कि आपने सत्ता में रहते हुए कितनी संसदीय परंपराओं का अनुसरण किया है. इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने भी चंद्राकर को टोकते हुए कहा कि पहले सदन के नेता को बोलने दें. इसके बाद जनता कांग्रेस और बसपा गठबंधन दल के नेता धरमजीत सिंह ने सत्ता पक्ष पर व्यंग्य करते हुए कहा कि हमने पहले ही कहा था कि यहां सरकार के पास प्रचंड बहुमत है.