अभिषेक मिश्रा, धमतरी. अवैध रेत खनन की वजह से धमतरी के महानदी पर मेघा में बना पुल धीरे-धीरे टूटता जा रहा है. कुरुद को मगरलोड और राजिम सहित दर्जनों गांवों को आपस में जोड़ने वाला मेघा पुल का एक हिस्सा पहले धंसा, जिसके बाद इस पर से चारपहिया वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है. वहीं अब हर दिन यह पुल धंसता और टूटता जा रहा है.
बता दें कि नब्बे के दशक में तत्कालीन विधायक स्व. दीपा साहू के प्रयास से महानदी पर मेघा पुल का निर्माण कराया गया था. इस पुल के बनने से मगरलोड, नगरी, गरियाबंद क्षेत्र में कुरुद की कन्केक्टिविटी बढ़ी, जिससे वन क्षेत्रों में विकास की किरणें जगने लगी थी, लेकिन रेत माफियाओं ने क्षेत्र की इस अनमोल धरोहर को भी नहीं छोड़ा. शनिवार रात गाड़ाडीह और मेघा के बीच महानदी पर बने पुल के तीन पिल्लर गिर गए, नीचे का सपोर्ट खत्म हो जाने से पुल में दरार आ गई है. अब यह पुल धंसता और टूटता जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के ब्रिज एक्सपर्ट इंजीनियर इस पुल का निरीक्षण कर चुके हैं. विशेषज्ञों की सलाह पर पुल की मरम्मत के लिए एक एस्टीमेट शासन को भेजा गया है. जानकारों का कहना है कि इस तरह के पुल का कुल जीवन कम से कम 50 साल माना जाता है, लेकिन ये पुल सिर्फ 34 साल में ही टूट गया. इसकी वजह महानदी से अवैध रेत का उत्खनन है. इस तरह की रेत निकासी जिले के और भी कई पुलों के नीचे से हो रही है. इस मामले में धमतरी कलेक्टर ने कहा कि रेत के अवैध कारोबार पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.
तीन पिल्लर गिरने से पुल में आई क्रेक
क्षेत्रवासियों का कहना है कि अभी तक तो हमने बिहार में पुल गिरने की बात सुनी थी, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में भी इसकी शुरुआत हो गई है. इसकी असली वजह रेत माफिया हैं. नियम विरुद्ध पुल के आसपास से खनिज माफिया धड़ल्ले से रेत उत्खनन कर रहे थे तब नेता और अधिकारियों ने इसकी चिंता नहीं की. अब इसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा. इस मामले में पीडब्ल्यूडी के अनुविभागीय अधिकारी आरएस गंभीर ने बताया कि तीन पिल्लर गिरने से पुल में क्रेक आ गया है. इसके चलते भारी वाहनों पर रोक लगा दी गई है. हमने पहले आसपास हो रहे खनिज उत्खनन पर रोक लगाई थी. फाउंडेशन कमजोर होने के चलते पिल्लर धंसा है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.
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