स्पोर्ट्स डेस्क- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज तो खत्म हो गई, लेकिन सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में जिस तरह से टीम इंडिया के इन दो युवा खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया है वो कमाल का रहा. हर कोई इन खिलाड़ियों की तारीफ करता ही नजर आया, रिषभ पंत ने जिस तरह से बल्लेबाजी की, और कुलदीप यादव ने जिस तरह की गेंदबाजी की, काबिले तारीफ रही।
पंत का कमाल
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रिषभ पंत को बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। और पंत ने निराश भी नहीं किया, सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में जिस तरह की बल्लेबाजी की उसके बाद तो हर किसी के दिमाग से हर तरह का डाउट खत्म हो गया, हर कोई अब रिषभ पंत की तारीफ ही कर रहा है, विकेट के पीछे तो पंत शानदार प्रदर्शन कर ही रहे हैं, बल्लेबाजी से भी कमाल दिखाने में पीछे नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज की ही बात करें तो पुजारा के बाद रिषभ पंत ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाए है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज में रिषभ पंत ने 58.33 की औसत से 350 रन बनाए हैं जिसमें शानदार एक शतक भी बनाया है, सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में रिषभ पंत ने कमाल की बल्लेबाजी की, और 189 गेंद में नाबाद 159 रन की पारी खेली। और खुद को साबित किया.
आखिरी मैच में मिला मौका, तो झटक लिए 5 विकेट
रिषभ पंत ने अगर विकेटकीपिंग और बल्ले से कमाल दिखाया तो, युवा कुलदीप यादव भी कहां पीछे रहने वाले थे, सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में कप्तान कोहली ने उन्हें बतौर ट्रंपकार्ड इस्तेमाल किया, तो उन्होंने ऐसी गेंदबाजी कर दी, कि कंगारूओं के सामने उनकी घूमती गेंदों का कोई जवाब ही नहीं था। चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने सिडनी टेस्ट मैच की पहली ही पारी में 5 विकेट झटक लिए, और ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर ला दिया, और भले ही उन्हें सीरीज के आखिरी मैच में मौका मिला, लेकिन इस मौके को भुनाने में कुलदीप यादव पीछे नहीं रहे.
गौरतलब है कि रिषभ पंत को बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज एम एस धोनी के रिप्लेसमेंट के तौर पर देखा जा रहा है, कि जरूरत पड़ने पर रिषभ पंत एम एस धोनी के जगह की भरपाई कर सकते हैं, और जिस तरह से पंत ने ऑस्ट्रेलिया में शतकीय पारी खेली, उससे उनके क्रिकेट को एक अलग ही पहचान मिली है.इतना ही नहीं कुलदीप यादव ने जिस तरह से आखिरी मैच में मिले मौके को भुनाया, और अपनी गेंदबाजी से खुद को साबित किया वो भी काबिले तारीफ रहा.